लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के बीच सीट शेयरिंग तय हो गया है. 28 सीटों वाले कर्नाटक में कांग्रेस के खाते में 20 सीटें जबकि जेडीएस के खाते में 8 सीटें के खाते में आई है. कर्नाटक में कांग्रेस और जीडीएस की गठबंधन की सरकार है. हाल ही में दिल्ली में एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद सीट शेयरिंग की घोषणा की गयी थी. कर्नाटक में 28 लोकसभा सीटों को लेकर कांग्रेस और जीडीएस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान मची हुई थी. जेडीएस 10 सीटें मांग रही थी, जबकि कांग्रेस केवल 6 सीटें देने को तैयार थी.
कांग्रेस के खाते में 20 सीटें
चिक्कोड़ी, बेलगावी, बागलकोट, कलबुर्गी, रायचूर, बीदर, कोप्पल , बेल्लारी, हावेरी, धारवाड़, दावणगेरे, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्गा, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु(ग्रामीण), बेंगलुरु सेंट्रल, बेंगलुरु साउथ, चिक्कबल्लापुर, कोलर
जनता दल के खाते में 8 सीटें
हस्सन, मांड्या, शिमोगा, उडुपी चिकमगलूर, बेंगलुरु नार्थ, उत्तर कन्नड़, बीजापुर, तुमकुर
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति के बाद कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था. जेडी(एस) ने राज्य विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बाद तीसरा स्थान हासिल किया था. बीजेपी कर्नाटक चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है लेकिन 224 सदस्यीय विधानसभा में जादुई आंकड़ा हासिल करने में विफल रही. इसके बाद कर्नाटक में कांग्रेस ने 78 सीटों पर जीत हासिल की और जनता दल (सेक्युलर) को अपने समर्थन की घोषणा की थी. राज्य विधानसभा चुनावों में जेडीएस 37 सीटों के साथ तीसरे नंबर की पार्टी बन कर उभरी थी. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की अगुवाई वाली जेडीएस ने कांग्रेस के प्रस्ताव को स्वीकार कर सरकार बनाने के दावे के साथ राज्यपाल को पत्र लिखा. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में सदन में नेता को एक नियत समय में बहुमत साबित करने को कहा जाता है. बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, लेकिन वह बहुमत से दूर रह गई थी.
लोकसभा की 543 सीटों के लिए मतदान 11 अप्रैल, 18, 23, 29 अप्रैल और 6, 12, 19 मई को होंगे और मतगणना 23 मई को की जाएगी.