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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की वजह से लोकसभा ने बनाया ये नया रिकॉर्ड

लोकसभा में बने इस रिकॉर्ड के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी लोकसभा में उपस्थित सभी सदस्यों का आभार जताया.

Updated on: 29 Nov 2019, 04:09 PM

नई दिल्‍ली:

बुधवार को लोकसभा में एक नया रिकॉर्ड बन गया है. आपको बता दें कि इस रिकॉर्ड के बनने में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला का बड़ा योगदान रहा है. बुधवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सूचीबद्ध तरीके से पूछे गए सभी 20 मौखिक प्रश्नों के सांसदों को तय समय में ही जवाब मिल गया जिसके बाद यहां पर एक रिकॉर्ड कायम हो गया. आपको बता दें कि आम तौर पर प्रश्नकाल के लिए निर्धारित एक घंटे की अवधि के दौरान चार से पांच मौखिक प्रश्नों और उनके अनुपूरक प्रश्नों में ही समय सीमा खत्म हो जाती है, लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने यह सुनिश्चित किया कि बगैर किसी भूमिका के प्रश्न किए जाएं और मंत्री उसका सीधा व संक्षिप्त जवाब दें.

सीमित समय में दिए जाएं सवालों के जवाब
संसदीय कार्यवाही के जानकारों के मुताबिक पहले राज्यसभा में ऐसा देखा गया है कि सभी सूचीबद्ध मौखिक सवालों के जवाब तय समय की अवधि में दिए गए हैं. राज्य सभा के पूर्व सभापति व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के कार्यकाल में कई बार यह कारनामा हुआ है. आपको यहां पर ये भी बता दें कि साल 1972 में पांचवी लोकसभा के चौथे सत्र से हर प्रश्‍नकाल में सवालों की सूची को 20 किया गया था. वहीं पहली लोकसभा के 9वें सेशन में प्रश्‍नकाल के दौरान 45 प्रश्‍न किए गए थे. इस रिकॉर्ड के बनने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा के सभी सदस्यों को बधाई दी और कहा कि आगे भी सभी प्रश्नों को शामिल करने का प्रयास होगा.

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सभी का आभार व्‍यक्‍त
लोकसभा में बने इस रिकॉर्ड के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी लोकसभा में उपस्थित सभी सदस्यों का आभार जताया. आपको बता दें कि लोकसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान खनन मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, कोयला मंत्रालय, सांख्यिकी व कार्यान्वयन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्रालय, उद्योग व वाणिज्य मंत्रालय से 20 मौखिप प्रश्नों को सवाल-जवाब के लिए चयनित किया गया था.

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विपक्ष ने भी किया स्वागत
लोकसभा में प्रश्नकाल के शुरू होने के साथ ही स्पीकर ने जिस तेजी से पहले पांच प्रश्नों के जवाब मंत्रियों से दिलवाए उसके बाद ही सभी प्रश्नों के जवाब हासिल होने की संभावना बनी. प्रश्नकाल का आखिरी (20वां) प्रश्न ठीक 12 बजे पूछा गया. इतनी तत्परता से प्रश्नकाल के सवालों के जवाब दिए जाने के बाद सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्षी सदस्यों ने भी मेज थपाथपा कर लोकसभा में बने इस रिकॉर्ड का स्वागत किया.