कोरोना वायरस (Coronavirus) से जंग में भारत हर कदम सोच समझ कर उठा रहा है. लॉकडाउन को तीसरी बार आगे बढ़ा दिया है. इसके साथ ही बाहर फंसे भारतीयों को लाने की कोशिश भी की जा रही है. देश प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य भेजने का भी इंतजाम किया जा रहा है. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि लॉकडाउन के कारण विदेशों में फंसे लोगों को भारत लाने और यहां फंसे लोगों को उनके देश भेजने संबंधी मानक संचालन प्रक्रिया को लागू करने के लिए अंतर-मंत्रालयी समन्वय समिति गठित की गई है.
शुक्रवार को पीसी में केंद्रीय गृहमंत्रालय (MHA) ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे 2.5 लाख से ज्यादा लोगों को 222 विशेष ट्रेनों से उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाया है.
इसे भी पढ़ें:कोरोना का तांडव हुआ तेज, पिछले 24 घंटे में 3390 नए केस आए सामने, 1273 लोग हुए ठीक
इसके साथ ही गृहमंत्रालय ने बताया कि विदेश से लाए गए भारतीयों को 14 दिनों तक क्वारंटीन किया जाएगा. लेकिन इसका खर्च वो यात्री खुद वहन करेंगे.
जून में रेस्तरां और मिठाई के दुकान खोले को लेकर गृहमंत्रालय ने कहा कि इस पर टिप्पणी करना अभी जल्दीबाजी होगी. हालात देखने के बाद तय किया जाएगा.
और पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- शराब की सीधी बिक्री की बजाए होम डिलीवरी जैसे उपाय पर सोचे सरकार
इसके साथ ही आज औरंगाबाद मे 14 मजदूरों की मौत पर गृहमंत्रालय ने कहा कि यह दुखद घटना है. हम राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वो अपने प्रवासी मजदूरों का ख्याल रखें. महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात में राज्य सरकारें साथ मिलकर काम कर रहे है.