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Lock Down: डीजीसीए ने एयरलाइन कंपनियों से टिकटों की बुकिंग बंद करने को कहा

नागर विमानन मंत्रालय ने 16 अप्रैल को कहा था कि अगर यात्रियों ने लॉकडाउन के पहले चरण में तीन मई तक की यात्रा के लिए टिकटें बुक करायी थीं तो वे विमानन कंपनियों से इसका रिफंड मांग सकते हैं.

Updated on: 20 Apr 2020, 01:30 AM

दिल्ली:

कोरोनावायरस (Corona Virus) के कारण लागू लॉक डाउन (Lock Down) और यात्रा प्रतिबंधों के मद्देनजर विमानन नियामक डीजीसीए ने रविवार को सभी एयरलाइनों से कहा कि वे तीन मई के बाद की टिकटें बुक करना बंद करें. साथ ही, उसने सभी कंपनियों को भरोसा दिलाया कि उन्हें परिचालन शुरू करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा. कुछ निजी भारतीय एयरलाइन कंपनियां नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी की सलाह को दरकिनार कर रविवार को चार मई से कुछ चुनिंदा मार्गों पर बुकिंग ले रही थीं, उसी के मद्देनजर डीजीसीए ने यह निर्देश जारी किया है.

हरदीप पुरी ने विमानन (एयरलाइन) कंपनियों को शनिवार को सलाह दी थी कि वे यात्री विमानों के परिचालन पर सरकारी आदेश आने के बाद ही बुकिंग शुरू करें. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने रविवार शाम परिपत्र जारी कर कहा , ‘सभी विमानन कंपनियों को टिकट बुकिंग करने से बचने का निर्देश दिया जाता है. विमानन कंपनियां यह याद रखें कि परिचालन शुरू करने के लिए उन्हें पर्याप्त समय दिया जाएगा.’ कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की है कि लॉकडाउन के कारण जो उड़ानें रद्द हो गई हैं, विमानन कंपनियां उनकी राशि वापस नहीं कर रही हैं और उसकी जगह भविष्य में यात्रा के लिए ‘क्रेडिट वाउचर’ जारी कर रही हैं.

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देश में दो चरणों में हुआ है लॉकडाउन
नागर विमानन मंत्रालय ने 16 अप्रैल को कहा था कि अगर यात्रियों ने लॉकडाउन के पहले चरण में तीन मई तक की यात्रा के लिए टिकटें बुक करायी थीं तो वे विमानन कंपनियों से इसका रिफंड मांग सकते हैं. हालांकि, सरकार ने अभी तक यह फैसला नहीं लिया है कि 25 मार्च से तीन मई के बीच लॉकडाउन के कारण उड़ानें रद्द होने की स्थिति में यात्रियों को पूरा पैसा वापस मिलेगा, या नहीं. देश में दो चरणों में लॉकडाउन लागू हुआ है, पहला चरण 25 मार्च से 14 अप्रैल तक था, जिसे बाद में बढ़ा कर तीन मई तक कर दिया गया. एयरलाइन कंपनियां, विस्तार और एयरएशिया इंडिया ने रविवार को पीटीआई भाषा से कहा कि उन्हें टिकटों की बुकिंग बंद करने के संबंध में अभी तक सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं मिली है. वहीं, तीन अन्य बड़ी एयरलाइन कंपनियों--स्पाइसजेट, इंडिगो और गोएयर ने पीटीआई भाषा द्वारा इस बारे में पूछे गये सवालों का अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया है.

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27 मार्च को एयर इंडिया ने किया था ऐलान
उधर देश में बढ़ते कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए पीएम मोदी ने 23 तारीख को देश में 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन का आदेश दे दिया था जिसके बाद एयर इंडिया ने सभी उड़ानों को 14 अप्रैल तक रद्द करने का आदेश दे दिया था. एयर इंडिया ने कहा था कि कोरोनो वायरस के खतरे को देखते हुए हमनें मार्च 2020 से अगले तीन महीनों तक की अवधि के लिए केबिन क्रू को छोड़कर सभी कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों में 10 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया है. आपको बता दें कि अगर एयर इंडिया अपनी घरेलू उड़ानें निलंबित करता है तो इन तीन महीनों की अवधि में एयर इंडिया प्रतिदिन 30 से 35 करोड़ रुपयों का नुकसान होने की आशंका है.