प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मेरठ में पहले खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी और कहा कि यह स्थानीय खेल प्रतिभाओं को वैश्विक बनाएगा।
उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने मणिपुर में पहला राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय स्थापित किया और अब उत्तर प्रदेश में पहला खेल विश्वविद्यालय मेरठ में बनेगा। विश्वविद्यालय का नाम हॉकी आइकन मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है और नाम ही हमें केंद्रित रहने के लिए , ध्यान रखने के लिए एक दिशा देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले, शहरी शहरों में केवल अमीर परिवार ही खेल प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते थे और सरकार खिलाड़ियों के प्रति उदासीन थी।
उन्होंने कहा, आज चीजें बदल गई हैं, भारत बदल गया है। हम 21वीं सदी में हैं ।
प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पांच साल पहले तक लड़कियां अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाती थीं।
उन्होंने कहा, पिछली सरकारें अपने खेल खेलने में व्यस्त थी। अपराधी और माफिया अपने अपने खेल खेल रहे थे। टूर्नामेंट जमीन हथियाने के लिए थे और लोग यहां से पलायन करने लगे थे। सोतीगंज बाजार इसका एक उदाहरण था।
उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार असली खेलों को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने कहा, नया विश्वविद्यालय 700 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। हर साल, 1,000 छात्र इस खेल विश्वविद्यालय से स्नातक होंगे। छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों की सुविधाएं मिलेंगी और वे अपने कौशल को निखार सकते हैं। युवा अब खेल के क्षेत्र में सफलता के नए अध्याय लिख रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि खिलाडिय़ों के प्रति सम्मान की कमी होती है और अगर कोई खेल को चुनता है तो लोगों को लगता है कि वह नौकरी पाने के लिए ऐसा कर रहा है।
उन्होंने कहा, हमें खेलों के लिए एक नई संस्कृति, एक नई सोच और ²ष्टि का निर्माण करना चाहिए और युवाओं को खेलों में विश्वास रखना चाहिए। सरकार खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, सुविधाएं, एक्सपोजर और पारदर्शिता प्रदान कर रही है। हम फिटनेस और भोजन का ध्यान खेल के बुनियादी ढांचे में रखेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरठ खेल के सामान का मैन्युफैक्च रिंग हब है और इस सेक्टर को आत्मानिर्भर बनाने की जरूरत है।
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Source : IANS