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स्पीकर ओम बिरला से मिले चिराग पासवान- जानिए कितनी कठिन है सियासी डगर?

लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में नेतृत्व संकट के बीच चिराग पासवान के नेतृत्व में पार्टी के कुछ नेता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचे

Updated on: 19 Jun 2021, 09:27 PM

highlights

  • चिराग पासवान लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात करने पहुंचे
  • चिराग पासवान ने ओम बिरला से मिलकर अपना पक्ष रखा
  • LJP में नेतृत्व को लेकर चिराग और पशुपति में खींचतान

नई दिल्ली:

लोक जनशक्ति पार्टी ( LJP ) में नेतृत्व संकट के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) के नेतृत्व में पार्टी के कुछ नेता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Spaker Om Birla) से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचे. चिराग पासवान ने ओम बिरला से मिलकर अपना पक्ष रखा. लगभग आधा घंटा चली इस मुलाकात के बाद चिराग पासवान मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने उन्हें (लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला) तथ्यों से अवगत कराया और उनसे लोजपा के निलंबित सांसदों में से एक, पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोजपा के नेता के रूप में स्वीकार करने के अपने फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया. यह गैरकानूनी है और हमारी पार्टी का संविधान इसकी इजाजत नहीं देता.

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स्पीकर ओम बिरला के सामने रखा अपना पक्ष

लोजपा नेता चिराग पासवान ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी के संविधान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विधानसभा/संसद में होने वाले किसी भी बदलाव को केंद्रीय संसदीय बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए. उन्होंने हमें बहुत ध्यान से सुना और हमारे द्वारा सामने रखे गए नए तथ्यों के आलोक में निर्णय पर पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया है.  वहीं, शुक्रवार को चिराग पासवान और लोजपा यूथ विंग के नेता संजीव सरदार के बीच एक कथित ऑडियो बातचीत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गई. हालांकि, आईएएनएस वायरल ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर रहा है. कथित ऑडियो क्लिप में, चिराग पासवान को सरदार को उस समय लोजपा कार्यालय और हवाई अड्डे पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश देते हुए सुना जा सकता है, जब पशुपति कुमार पारस बुधवार को पटना पहुंचे.

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कथित ऑडियो बातचीत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गई

उन्होंने आगे सरदार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पारस पटना में पार्टी कार्यालय में प्रवेश न कर सकें. जवाब में, सरदार को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह पारस के आने के विरोध में पटना में दलित छात्रावासों के युवाओं की व्यवस्था करेंगे.