
फोटो स्त्रोत: ANI
ब्रिटिश की प्रधानमंत्री थेरेसा मे और पीएम नरेंद्र मोदी इंडिया-यूके टेक समिट में शामिल हुए। थेरेसा मे तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आई हैं। उनकी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक और रक्षा के क्षेत्र में समझौते किये जाने की संभावना है।
लाइव अपडेट:
पीएम मोदी ने कहा:
# हम स्वच्छ ऊर्जा और सोलर एनर्जी पर एक रिसर्च एण्ड डेवेलपमेंट सेंटर स्थापित करने पर सहमत हुए हैं
# आर्थिक विकास के क्षेत्र में यूके ने वापसी की है, तकनीकी और शैक्षिक क्षेत्र में ये अग्रणी देश है
# भारत और यूके को रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ते रहना चाहिए
# विदेशी दौरे के लिए यूरोप के बाहर भारत का चुनाव करना हमारे लिए सौभाग्य की बात
# भारत ब्रिटेन में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक देश
# इन्वेस्टमेंट और बिजनसे को लेकर अब भारत ओपन
# भारत और ब्रिटेन के बीच बिजनेस को बढ़ावा दे सकते हैं
# इन बिजनेस में हेल्थकेयर, टेक्नोलॉजी और एनर्जी जैसे सेक्टर शामिल हैं
# पिछले साल मेरी ब्रिटेन यात्रा में टेक समिट की परिकल्पना दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने के लिए की गई थी
# ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे से कहा, उनका भारत दौरा भारत के लिए सम्मान की बात है
थेरेसा मे ने कहा:
# हम ब्रिटेन में सामाजिक और आर्थिक सुधारों पर काम कर रहे हैं
# इंडियन इन्वेस्टमेंट से हमारी अर्थव्यवस्था में विविधता आ रही है
# भारत और ब्रिटेन के संबंधों में ताकत है, दोनों देशों के बीच एक खास रिश्ता है
# ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे ने मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटी योजनाओं का जिक्र किया
There is so much potential when it comes to India-Britain relationship, we have a special bond: UK PM Theresa May pic.twitter.com/5dVoTZw2uG
— ANI (@ANI_news) November 7, 2016
जुलाई में ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से बाहर निकलने के बाद प्रधानमंत्री बनीं थेरेसा मे की यह पहली विदेश यात्रा है।
थेरेसा मे प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी और द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, आतंकवाद और अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर चर्चा होगी। इसके अलावा आर्थिक और रक्षा मसलों पर समझौते किये जाने की संभावना है।
भारत रवाना होने से पहले थेरेसा ने कहा कि भारत ब्रिटेन का 'महत्वपूर्ण और नज़दीकी' मित्र है। उन्होंने कहा कि भारत को संदेश देंगी कि ब्रिटेन खुले मन से भारत के साथ व्यापार करना चाहता है और उसके लिये वो सभी संभावनाए हैं जो ब्रेक्सिट के पहले हुआ करती थीं।
उन्होंने कहा, 'इस यात्रा से वो भारत के साथ दोनों देशों के बीच जारी रणनीतिक साझेदारी को और मज़बबूत करने की कोशिश करेंगी। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करेंगी जिससे दोनों देशों के साझे दृष्टिकोण को मूर्त रूप दिया जा सके। ब्रिटेन भारत के साथ आर्थिक, रक्षा और सुरक्षा के मुद्दे पर सहयोग पर बल दिया जाएगा।'