अमित शाह ने किसानों से एक बार फिर बातचीत करने का अनुरोध किया
सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर में पिछले एक महीने में टेंट और ट्रैक्टर में किसानों की पूरी गृहस्थी बस गई है. बता दें कि किसान नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और डटे हुए है.
नई दिल्ली:
दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के आंदोलन का एक महीना पूरा हो गया है. किसान ठीक एक महीने पहले सिंघु बॉर्डर पर 26 नवंबर को जुटे थे. तब नवंबर की सर्दी इतनी नहीं चुभती थी, जितनी की आज 26 दिसंबर की सर्द हवा चुभती है. सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर में पिछले एक महीने में टेंट और ट्रैक्टर में किसानों की पूरी गृहस्थी बस गई है. बता दें कि किसान नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और डटे हुए है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को अपनी अपील दोहराई और आंदोलनकारी किसानों से उनकी चिंताओं को सुलझाने के लिए सरकार के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया.
योगेंद्र यादव ने कहा कि बीच का कोई रास्ता नहीं है. हमने एजेंडा भेज दिया है. इसी एजेंडे पर बात होगी. कानून रद्द से कम कुछ मंजूर नहीं है. राजनाथ सिंह क्या बात कर रहे हैं. ऐसा कोई प्रपोजल एक्सेप्ट नहीं किया हमने.
सिंघु बॉर्डर से किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि सरकार अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने,तीनों बिलों को रद्द करने एवं पराली व प्रस्तावित विधुत अधिनियम में बदलाव पर तैयार होगी तब किसान 29 दिसंबर को बातचीत के लिए तैयार है. 29-30 दिसंबर को सभी ट्रैक्टर एक बॉर्डर से दूसरे बॉर्डर मार्च करेंगे. एक जनवरी तक समाधान नहीं तो बाद में करेंगे आगे की रणनीति का प्लान.
दिल्ली के पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव सिंघू (दिल्ली-हरियाणा सीमा) का दौरा किए. जहां किसानों कृषि कानून के खिलाफ कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन.
Delhi Police Commissioner SN Shrivastava visits Singhu (Delhi-Haryana border) where farmers' protest against the Centre's #FarmLaws entered 31st day today. pic.twitter.com/OQfiOypI5P
— ANI (@ANI) December 26, 2020
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच अब बैठक 29 दिसम्बर को सुबह 11 बजे होगी. किसान संगठनों ने बैठक के बाद आज लिया फैसला. किसानों ने तीनों कृषि बिलों को रद्द किए जाने की मांग दोहराई-सूत्र
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ढेंकनाल में कहा कि 2013-14 में मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान, किसानों को 1 क्विंटल धान के लिए 1,310 रुपये का भुगतान किया गया था. मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर 1,815 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया.उन्होंने सीधे ओडिशा के किसानों के खातों में 53,680 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए.
चिल्ला बॉर्डर पर किसानों ने बीन बजाई. किसानों का उत्साह और हौसला बनाये रखने के लिए किसानों ने नुक्कड़ नाटक किया. कहा कुछ भी करना पड़े, बिना बिल वापस करवाये जाएंगे नहीं.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में राजस्थान शिक्षक संघ शामिल हुआ. संगठन के एक प्रतिनिधि ने बताया, "हमारे संगठन ने सरकार के खिलाफ राजस्थान में जगह-जगह प्रदर्शन किए हैं. इन कानूनों का प्रभाव पूरे मध्यम वर्ग पर पड़ेगा."
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बाॅर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में राजस्थान शिक्षक संघ शामिल हुआ। संगठन के एक प्रतिनिधि ने बताया, "हमारे संगठन ने सरकार के खिलाफ राजस्थान में जगह-जगह प्रदर्शन किए हैं। इन कानूनों का प्रभाव पूरे मध्यम वर्ग पर पड़ेगा।" #FarmersProtest pic.twitter.com/PBqiXjc0dZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2020
पिछले 15 दिन से आंदोलन कर महापड़ाव देकर धरने पर बैठे किसानों और अन्य संगठनो ने एक जगह पर दो मंच बनाये जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है. लिहाजा किसान आंदोलन पर दो फाड होती नजर आ रही है. वहीं इसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन भी अलर्ट हो गया है.
राजस्थान से किसानों की आवाज को पहले से ज्यादा बुलंद करने के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी ऐलान कर दिया है. इसके लिए जिले के शाहजहांपुर बॉर्डर पर हनुमान बेनीवाल का अलग से मंच बनाया जा रहा है, लेकिन इससे किसान आंदोलन की दो फाड़ होती भी नजर आ रही है.
नोएडा- चिल्ला पर एक और किसान संगठन प्रदर्शन करने पहुंचा. भारतीय किसान यूनियन (हरपाल) के किसान यहां पहुंच है. 10-12 किसान हैं. अलीगढ़ के इगलास से आये हैं किसान. ये भी बंद रोड के एक किनारे पर बैठे हैं. बिल के विरोध में ही आये हैं.
दिल्ली: प्रदर्शनकारी किसानों ने मुख्य दिल्ली-मोहन नगर रोड को यूपी गेट (दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर) पर रोक दिया.
Delhi: Protesting farmers block main Delhi-Mohan Nagar road at UP Gate (Delhi-Ghaziabad border).
"NH-9 & NH-24 closed from Delhi to Ghaziabad due to farmers' protests. People are advised to take alternate route for Ghaziabad via DND, ITO & Wazirabad," tweets Delhi Traffic Police pic.twitter.com/ntnh4J7CFq
— ANI (@ANI) December 26, 2020
राहुल गांधी ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो के कैप्शन में लिखा है- मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है, सरकार को सुनना पड़ेगा.
मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है,
सरकार को सुनना पड़ेगा। pic.twitter.com/yhwH6D8uWO
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 26, 2020
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए तीनों कृषि बिल लागू कर दिए गए हैं. राज्य में किसी को भी इस कानून को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं है. प्रदेश के सभी 313 ब्लॉक में ट्रेनिंग कैंप ऑर्गेनाइज किए जाएंगे. जिससे कि हमारे किसान इस बिल को अच्छी तरह से समझ सकें और इसका पूरा-पूरा फायदा उठा सकें.
किसान संगठनों ने कहा है कि वे शनिवार को एक बैठक करेंगे. इस बैठक में केंद्र द्वारा बातचीत की पेशकश का क्या जवाब दिया इस पर एक औपचारिक फैसला लिया जा सकता है.
सरकार के पत्र और प्रधानमंत्री के भाषण पर कुंडली, सिंघु बॉर्डर पर 26 दिसबंर को दोपहर 2 बजे सयुंक्त किसान मोर्चा की मीटिंग आयोजित की जाएगी. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कुछ किसान संगठनों ने संकेत दिया है कि वे सरकार के साथ एक बार फिर से वार्ता शुरू कर सकते हैं, ताकि इस गतिरोध का कुछ समाधान निकाला जा सके.
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और राज्य सरकार में मंत्री बालासाहेब थोराट ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कई दिनों से दिल्ली में हजारों किसान कड़ाके की ठंड में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार की योजनाओं महत्व बताने करने में व्यस्त हैं.
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