संयुक्त राष्ट्र के 73 वें अधिवेशन में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आतंकवाद, जयवायु परिवर्तन, संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद में सुधार और विकास के लक्ष्य पर भारत का पक्ष रखा. आतंकवाद को लेकर क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों को लेकर सुषमा स्वराज ने जोरदार तरीके से अपने भाषण में उठाया. अपने भाषण के दौरान विदेश मंत्री पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भी पड़ोसी को जमकर घेरा.
सार्क (SAARC) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस मुद्दे को उठाया था कि इस पूरे क्षेत्र में शांति को इकलौता सबसे बड़ा खतरा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद है.
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भारत आतंकवाद से वैश्विक स्तर पर मुकाबले के लिए अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद (CCIT) पर व्यापक सम्मेलन के लिए भी दबाव बना रहा है. CCIT के जरिए कानूनी रूप से वैश्विक स्तर पर आतंकवादियों को मिलने वाली फंडिंग और पनाहगाह पर रोक लगाना संभव होगा. भारत ने CCIT का प्रस्ताव सबसे पहले साल 1996 में दिया था जिस पर आज तक सुंयक्त राष्ट्र संघ में बहस ही चल रही है.
ऐसी भी उम्मीद जताई जा रही है कि सुषमा स्वराज अपने भाषण के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव की मांग को भी प्रमुखता से उठा सकती हैं. भारत संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों और गैर स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए मजबूत राजनयिक प्रयास लगातार कर रहा है ताकि भारत भी इसका पूर्णकालिक स्थायी सदस्य बन सके.
सूत्रों के मुताबिक भारत की तरफ से जलवायु परिवर्तन को लेकर पूर्व में लगाए गए आरोपों पर भी सुषमा स्वराज जवाब दे सकती हैं इसके साथ ही विश्व स्तर पर लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत के नेतृत्व पर भी वो बोलेंगी
Source : News Nation Bureau