सीवान के पूर्व सांसद और आरजेडी के नेता मो. शहाबुद्दीन को सीवान जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी।
इससे पहले सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा था कि क्या शहाबुद्दीन के खिलाफ लंबित 45 मुकदमों को दिल्ली ट्रांसफर किया जा सकता है? इस मामले में बिहार सरकार आज अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखेगी।
पिछले महीने 24 अक्टूबर को सुनवाई को दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन, बिहार सरकार व केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने इस नोटिस में राज्य सरकार से कई सवाल पूछे थे।
सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन और व्यवसायी चंदा बाबू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि शहाबुद्दीन के सीवान जेल में रहने पर उनके जान का खतरा है। उन्होंने कहा था कि सीवान जेल में शहाबुद्दीन के रहने से केस भी प्रभावित हो सकता है।
आशा रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि शहाबुद्दीन के सिवान जेल में रहने से उनकी और उनके परिवार की जान को खतरा है। साथ ही उनके पति राजदेव रंजन हत्याकांड जांच भी प्रभावित हो सकती है।
चंदा बाबू की ओर से जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने भी याचिका दायर कर शहाबुद्दीन को सीवान और बिहार से बाहर करने की अपील की है। चंदा बाबू की याचिका में कहा गया है कि पूर्व सांसद के सीवान में मौजूद रहने से न केवल चंदा बाबू के परिवार को बल्कि विभिन्न मामलों के गवाहों को भी खतरा है।
Source : News Nation Bureau