राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘न्यू इंडिया’ में गरीबी के लिए कोई गुंजाइश नहीं
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित कर रहे हैं। कोविंद का देश के नाम पहला संबोधन है।
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने 'न्यू इंडिया' के सपने को पूरा करने की बात की, तो गांधी-नेहरू को याद करते हुए उनके उद्देश्यों पर बल दिया।
देश के नाम पहले संबोधन में कोविंद ने कहा, 'न्यू इंडिया‘ के लिए कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने का हमारा ‘राष्ट्रीय संकल्प’ है। न्यू इंडिया में गरीबी के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।'
रामनाथ कोविंद ने कहा, 'नेहरूजी ने हमें सिखाया कि भारत की सदियों पुरानी विरासतें और परंपराएं आधुनिक समाज के निर्माण के प्रयासों में सहायक हो सकती हैं।'
रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इस मौके पर उन्होंने न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा कायम करने के लिए हमेशा संविधान के मूलमंत्र का पालन करने का संकल्प लिया था।
राष्ट्रपति के संबोधन की खास बातें:-
मैं एल.पी.जी. सब्सिडी का त्याग करने वाले परिवारों को नमन करता हूं: राष्ट्रपति
प्रधान मंत्री की एक अपील पर, एक करोड़ से ज्यादा परिवारों ने अपनी
— News State (@NewsStateHindi) August 14, 2017
इच्छा से एल.पी.जी. पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ दी #PresidentKovind
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, आज पूरी दुनिया भारत को सम्मान से देखती है
‘न्यू इंडिया’ में गरीबी के लिए कोई गुंजाइश नहीं है: राष्ट्रपति
‘न्यू इंडिया‘ के लिए कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने का हमारा ‘राष्ट्रीय संकल्प’ है : राष्ट्रपति
मुझे खुशी है कि देश की जनता ने जी.एस.टी. को सहर्ष स्वीकारा है: राष्ट्रपति
विकास के नए अवसर पैदा करना, शिक्षा और सूचना की पहुंच बढ़ाना हममें से हर एक की जिम्मेदारी है: राष्ट्रपति
देश को ‘खुले में शौच से मुक्त’ कराना हममें से हर एक की जिम्मेदारी है: राष्ट्रपति
आज देश के लिए अपने जीवन का बलिदान कर देने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का समय है: रामनाथ कोविंद
सरदार पटेल ने हमें राष्ट्रीय एकता और अखंडता के महत्व के प्रति जागरूक किया: रामनाथ कोविंद
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने हमें संविधान के दायरे में रहकर काम करने तथा ‘कानून के शासन’ की अनिवार्यता के विषय में समझाया : रामनाथ कोविंद
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा’ का आह्वान किया: रामनाथ कोविंद
नेहरूजी ने हमें सिखाया कि भारत की सदियों पुरानी विरासतें और परंपराएं आधुनिक समाज के निर्माण के प्रयासों में सहायक हो सकती हैं: राष्ट्रपति
गांधीजी ने जिन सिद्धांतों को अपनाने की बात कही थी, वे हमारे लिए आज भी प्रासंगिक हैं: रामनाथ कोविंद
देश को राह दिखाने वाले अनेक महापुरुषों और क्रांतिकारियों का हमें आशीर्वाद मिला: रामनाथ कोविंद
आजादी के लिए हम उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के ऋणी हैं जिन्होंने इसके लिए कुर्बानियां दी थीं: राष्ट्रपति
भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, तथा बिरसा मुंडा जैसे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों को कभी नहीं भुला सकते #PresidentKovind
— News State (@NewsStateHindi) August 14, 2017
स्वतंत्र भारत का सपना, हमारे गांव, गरीब और देश के समग्र विकास का सपना था: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित कर रहे हैं
स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
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