गुजरात की 182 विधानसभा सीटों और हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे सोमवार को सामने आएंगे। महज कुछ घंटों में साफ हो जाएगा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी या कांग्रेस कौन सत्ता को काबिज करता है।
बता दें कि गुजरात में पिछले 22 सालों से जहां बीजेपी का राज रहा है। वहीं हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है। हिमाचल की दिलचस्प बात यह है कि साल 1985 से वैकिल्पक रूप से राज्य कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी को चुनता आया है।
गुजरात में दो चरणों में हुए चुनाव में औसतन 68.41 फीसदी मतदान हुआ था। गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 89 सीटों पर वोट डाले गए जबकि दूसरे चरण में 93 सीटों पर वोटिंग हुई। वहीं हिमाचल में एकल चरण में हुए चुनाव में औसतन 75.28 फीसदी मतदान हुआ।
हिमाचल प्रदेश चुनाव
इस चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार दोनों बुजुर्ग चेहरों के लिए 'करो या मरो' की स्थिति रही। वीरभद्र (80) और धूमल (73) दोनों ने जनता को रिझाने के लिए अपनी तरफ से कड़ी मेहनत की।
इस बार वीरभद्र दो मोर्चो पर लड़ रहे हैं। एक तरफ जहां वह अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह को राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें अपनी जीत को दोहराना है, क्योंकि सभी बाधाओं के बावजूद उन्होंने पार्टी को उन्हें (वीरभद्र) मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने के लिए मजबूर किया।
वीरभद्र और धूमल दोनों ही नई सीटों से फिर चुने जाने की आस में हैं।
गुजरात चुनाव
हिमाचल प्रदेश से ज्यादा गुजरात चुनाव के नतीजों पर सबकी नजरें हैं। 22 सालों से राज करने के बावजूद बीजेपी को इस चुनाव में अपनी जीत मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। यहां पीएम मोदी की साख भी दांव पर है।
इस बार कांग्रेस को पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएसएस) के संयोजक हार्दिक पटेल, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता अल्पेश ठाकोर और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी का साथ भी मिला। ऐसे में कांग्रेस- बीजेपी के अलावा इन संगठनों का प्रभाव भी चुनाव के नतीजों पर असर डाल सकता है।
पाटीदार आंदोलन, ओबीसी के एक वर्ग की ओर से विरोध प्रदर्शन और दलितों के प्रति अत्याचार को लेकर प्रदर्शन के चलते गुजरात विधानसभा चुनाव में जाति का मसला प्रमुख रहा। कांग्रेस ने इसका फायदा उठाने की कोशिश की है।
कांग्रेस की राजनीति का प्रतिकार करने के लिए भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर के मसले को उभारा था। साथ ही, कांग्रेस से निलंबित हुए नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा प्रधानमंत्री के लिए 'नीच' शब्द का प्रयोग और पाकिस्तान के साथ कांग्रेस की सांठ-गांठ जैसे मसलों को भाजपा ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान जोरदार तरीके से उभारा था।
इसके अलावा पहली बार कांग्रेस की तरफ से सिर्फ राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार की ज़िम्मेदारी अपने हाथों में ली है और पीएम मोदी को विकास के मुद्दे पर हर तरीके से घेरने की कोशिश की है। ऐसे में राहुल गांधी के लिए गुजरात चुनाव परिणाम बेहद ख़ास है और वो चाहेंगे की आगाज़ जीत हो।
क्या कहते हैं एक्जिट पोल
न्यूज़ नेशन के एक्जिट पोल में हिमाचल प्रदेश और गुजरात दोनों जगह बीजेपी जीतती हुई नजर आ रही है। हालांकि राजनीतिक जानकार यह भी मानते हैं कि कांग्रेस का प्रदर्शन पिछली बार के मुकाबले बेहतर होगा।
न्यूज़ नेशन ने 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 135-139 सीट मिलते दिखाया है जबकि कांग्रेस को 42-46 सीट मिलने का अनुमान लगाया है। वहीं 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 43-47 सीट मिलते दिखाया है जबकि कांग्रेस को 19-23 सीट मिलने के आसार है।
अब देखना है कि सत्ता किसके हिस्से में आती है।
Source : News Nation Bureau