नोटबंदी के बाद अगले वित्त वर्ष में GDP 6.7 से 7.5 के बीच रहने की उम्मीद, सेवा क्षेत्र में 8.8% की वृद्धि अनुमानित: आर्थिक सर्वेक्षण

आम बजट पेश होने के एक दिन पहले संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है। वित्तमंत्री की तरफ से पेश किये जाने वाले इस सर्वेक्षणपर सबकी नज़र होती है क्योंकि इससे देश के आर्थिक प्रगति के संकेत मिलते हैं।

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pradeep tripathi
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नोटबंदी के बाद अगले वित्त वर्ष में GDP 6.7 से 7.5 के बीच रहने की उम्मीद, सेवा क्षेत्र में 8.8% की वृद्धि अनुमानित: आर्थिक सर्वेक्षण

देश के आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2016-17 में देश के विकास दर के 6.75 फीसदी से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। जबकि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने विकास दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वेक्षण को मंगलवार को संसद में पेश किया।

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उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की रफ्तार अच्छी है और यह 4.1 फीसदी रहेगी। वहीं, औद्योगिक उत्पादन घटकर 5.2 फीसदी और सेवा क्षेत्र की रफ्तार 8.8 फीसदी रहेगी।

इस सर्वेक्षण में पिछले साल नवंबर में लागू की गई नोटबंदी के बारे में कहा गया है, 'जैसे जैसे नई मुद्रा प्रचलन में बढ़ती जाएगी और नोटबंदी के बाद सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और नई मुद्रा का प्रचलन बढ़ने के बाद वित्त वर्ष 2017-18 में अर्थव्यवस्था की रफ्तार सामान्य हो जाएगी।'

सर्वेक्षण में कहा गया है, 'वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.75 से 7.5 फीसदी रहेगी।'

आम बजट पेश होने के एक दिन पहले संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है। वित्तमंत्री की तरफ से पेश किये जाने वाले इस सर्वेक्षणपर सबकी नज़र होती है क्योंकि इससे देश के आर्थिक प्रगति के संकेत मिलते हैं।

इस सर्वेक्षण के ज़रिये देश की अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बताया जाता है। पिछले बजट में किये गए प्रावधानों की जानकारी होती है और किन क्षेत्रों में कमियां रह गई हैं इसकी भी जानकारी दी जाती है। साथ ही सुधार के सुझाव भी दिये जाते हैं। इससे सरकार की नीतियों का खाका तैयार करने में मदद भी मिलती है।

इकोनॉमिक सर्वे (आर्थिक सर्वेक्षण) सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार तैयार करते हैं। इस बार आर्थिक सर्वेक्षण 2017 मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम और उनकी टीम ने तैयार किया है। 

अपडेट्स:-

# तेल की कीमतों में वृद्धि जैसी बाहरी चुनौतियां हमारे सामने हैं

# बैंकों और निजी क्षेत्र का बैलेंस सीट की हालत अभी भी खराब, बड़ी कंपनियों पर बाकी हैं बड़े कर्ज़: आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17

# पूर्ण रूप से करंसी नोट्स की उपलब्धता में अभी एक से दो माह लगेंगे

# 2017-18 में सस्ती ब्याज दरों से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा 

# विमुद्रीकरण से दूरगामी लाभ की संभावना : मुख्य आर्थिक सलाहकार 

# पिछले साल सरकार की कई बड़ी उपलब्धियां रही हैं

# महानगरीय स्‍तर पर संपत्ति कर का दोहन अतिरिक्‍त राजस्‍व सृजन के लिए किया जा सकता है: आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17

# 2016-17 में सेवा क्षेत्र में 8.8% की वृद्धि अनुमानित

# पिछले साल व्यापक आर्थिक स्थिरता बरकरार रही: आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17

# विमुद्रीकरण के बाद 2017-18 के लिए सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 6 ¾ से  7 ½ प्रतिशत अनुमानित

# कृषि क्षेत्र की  वृद्धि दर  2015-16 की 1.2 प्रतिशत से बढ़कर चालू वर्ष में 4.1 प्रतिशत 

# सीपीआई आधारित शीर्षक मुद्रास्फीति लगातार तीसरे वर्ष भी नियंत्रण में रही

# राजकोषीय घाटे में इस बार भी कमी आई

# विमुद्रीकरण के बाद वर्ष 2017-18 में जीडीपी वृद्धि दर 6.75 प्रतिशत से लेकर 7.5 प्रतिशत तक रहने का अनुमान

# विकसित देशों द्वारा अपनाया गया राजकोषीय सक्रियतावाद भारत के लिए प्रासंगिक नहीं है: आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17

# अखंड आर्थिक भारत के निर्माण के दौर में तेज रफ्तार पकड़ रही है प्रौद्योगिकी, अर्थव्‍यवस्‍था और राजनीति

# समग्र वित्‍तीय प्रदर्शन को पटरी पर रखने के लिए राज्‍यों के अच्‍छे वित्‍तीय प्रदर्शन को प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए

# 2016-17 के प्रथम छमाही में चालू खाता घाटा कम हुआ ; सकल घरेलू उत्पाद का 0.3 प्रतिशत रहा

# 2016-17 औद्योगिक वृद्धि दर 5.2% अनुमानित, 2015-16 में यह 7.4% थी

Arvind Subramanian Economic Survey
      
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