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JDU में घमासान: नीतीश-शरद आमने-सामने, अब शुरू होगी चुनाव चिह्न की लड़ाई

एनडीए में शामिल होने के नाम पर दो धड़ों में बंट चुकी जेडीयू के नेताओं के बीच हंगामा होना तय माना जा रहा है

Updated on: 19 Aug 2017, 11:28 AM

नई दिल्ली:

बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद आज नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजधानी पटना में जेडी-यू (जनता दल यूनाइटेड) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी।

एनडीए में शामिल होने के नाम पर दो धड़ों में बंट चुकी जेडीयू के नेताओं के बीच हंगामा होना तय माना जा रहा है।

नीतीश कुमार का खेमा जहां एनडीए गठबंधन में शामिल होने के फैसले पर औपचारिक तौर पर मुहर लगा सकता हैं वहीं शरद यादव गुट के नेता आज होने वाले कार्यकारिणी की बैठक का बहिष्कार करेंगे। हालांकि शरद यादव गुट ने अलग से कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है, जिसमें वह पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा ठोकेंगे।

पार्टी के चुनाव चिह्न पर शरद यादव गुट ठोकेगा अपना दावा

जेडी-यू के चुनाव चिह्न तीर पर भी शरद यादव गुट चुनाव आयोग जाकर दावा ठोकने की तैयारी में है। महासचिव पद से हटाए गए शरद गुट के अरुण श्रीवास्तव ने कहा शरद यादव जनता दल के सबसे पुराने नेता हैं और नीतीश कुमार तो समता पार्टी से आए थे।

इसलिए चुनाव चिह्न पर पहला हक शरद यादव का है। नीतीश कुमार के पास सिर्फ 10 सासंदों, 71 विधायकों और 5 राज्य ईकाइयों का ही समर्थन है।

नीतीश-शरद आमने-सामने

नीतीश कुमार के पार्टी अध्यक्ष बनते ही शरद यादव हासिए पर चले गए थे। पार्टी के किसी भी बड़े फैसले में नीतीश कुमार उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं दिया करते थे जिससे शरद यादव बेहद नाराज चल रहे थे।

एनडीए से दोबारा गठबंधन करने से शरद यादव नीतीश कुमार से बेहद खफा हो गए और बागी सुर बलुंद कर दिया। शरद यादव ने नीतीश के फैसले को बिहार के जनता के साथ धोखा तक करार दे दिया था। इसके जवाब में दिल्ली में नीतीश कुमार ने अमित शाह से मुलाकात करने के बाद कहा था कि शरद यादव अपना अलग रास्ता चुनने के लिए आजाद हैं।

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शरद यादव ने नीतीश के फैसले के खिलाफ राज्य में तीन दिन की यात्रा भी की थी और कार्यकर्ताओं से मिले थे।

आज होने वाले बैठक को लेकर पार्टी महासचिव पद से हटाए गए अरुण श्रीवास्तव और पार्टी से निलंबित सांसद अली अनवर ने कहा कि श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में होने वाली बैठक का शरद यादव गुट बहिष्कार करेगा।

अरुण श्रीवास्तव के मुताबिक शरद यादव गुट ही असली जेडीयू है और पार्टी की 14 राज्य ईकाई उनके साथ है जिसमें से कुछ ने साझा विरासत बचाओ सम्मेलन में हिस्सा भी लिया था।

नाटकीय ढंग से एनडीए में शामिल हुए थे नीतीश कुमार

गौरतलब है कि आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। नीतीश के इस्तीफे के महज कुछ घंटों बाद ही नाटकीय रूप से बीजेपी ने उन्हें समर्थन देने का ऐलान कर दिया था जिसके बाद 24 घंटे से भी कम समय में नीतीश ने दोबारा सीएम पद की शपथ ले ली थी।

नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने के फैसले से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव खफा हो गए और कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। शरद यादव के इस विरोधी सुर में पार्टी के राज्यसभा सांसद अली अनवर ने भी आवाज बुलंद कर दी।

शरद यादव को जहां राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया गया वहीं अली अनवर को भी जेडीयू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। शरद यादव खुद पर कार्रवाई के बाद पटना पहुंचे और दावा कर दिया कि उनकी नेतृत्व वाला गुट ही असली जेडीयू है और नीतीश पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।

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