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नेविगेशन सैटेलाइट IRNSS-1H लॉन्च विफल, इसरो चेयरमैन ने की पुष्टि

भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा गुरुवार को भारत के आठवें नौवहन उपग्रह 'आईआरएनएसएस-1एच' का प्रक्षेपण असफल रहा।

Updated on: 01 Sep 2017, 09:38 AM

नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का नौवहन सैटेलाइट आईआरएनएसएस-1एच लॉन्च असफल हो गया। इसरो चेयरमैन एएस किरन कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सैटेलाइट लॉन्च असफल रहा।

उन्होंने कहा, 'लॉन्च मिशन सफल नहीं हुआ, हीट शील्ड अलग नहीं हुई जिसकी वजह से सैटलाइट चौथी स्टेज में रह गया।'

इसरो ने गुरुवार को अपराह्न 7.0 बजे भारतीय नौवहन उपग्रह प्रणाली 'एनएवीआईसी' के तहत 1,425 किलोग्राम भार वाले इस उपग्रह को पीएसएलवी श्रेणी के एक्सएल संस्करण वाले रॉकेट से लांच किया था।

आईआरएनएसएस-1एच भारतीय नौवहन उपग्रह प्रणाली के एक उपग्रह के स्थानापन्न के तौर पर लांच किया गया था। भारतीय उपग्रह प्रणाली एनएवीआईसी को साधारण शब्दों में भारत की जीपीएस प्रणाली कह सकते हैं।

गुरुवार को अपराह्न 7.0 बजे 44.4 मीटर लंबे और 321 किलोग्राम का चार चरणों वाले पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट ने श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल के दूसरे लांच पैड से उड़ान भरी। प्रक्षेपण असफल रहने के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है।

1,420 करोड़ रुपये लागत वाला भारतीय सैटेलाइट नौवहन प्रणाली, नाविक में नौ सैटेलाइट शामिल हैं, जिसमें सात कक्षा में और दो विकल्प के रूप में हैं। एक विकल्प में आईआरएनएसएस-1एच है।

अगर आईआरएनएसएस-1एच लॉन्च सफल रहता तो यह नाविक मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए संभावित क्षेत्र में पहुंचने में मददगार साबित होता। हालांकि इसरो इसे बाद में लॉन्च कर सकता है।

वह मछुआरों को खराब मौसम, ऊंची लहरों और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा के पास पहुंच पहुंचने से पहले सतर्क होने का संदेश देगा। यह सेवा स्मार्टफोन पर एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के द्वारा उपलब्ध होगी।

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