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अयोध्या विवाद: SC ने कहा- रामायण और भगवत गीता समेत 10 धार्मिक किताबों का हो अनुवाद

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में मालिकाना हक पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 के फैसले को चुनौती दी गई है।

Updated on: 08 Feb 2018, 03:07 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में अब 14 मार्च को होगी सुनवाई
  • सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा, पूरे मामले को भूमि विवाद की तरह से देखा जाए, किसी और तरह से नहीं
  • रामचरित मानस और भगवद्गीता समेत दस किताबों का होगा अनुवाद, सभी पक्षों को देने का आदेश

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस (सीजेआई) दीपक मिश्रा ने कहा कि पूरे मामले को भूमि विवाद की तरह से देखा जाए, किसी और तरह से नहीं।

कोर्ट ने मामले में मुख्य पक्षकारों से इतर अन्य की तरफ से दायर की गई हस्तक्षेप याचिका पर फिलहाल सुनवाई से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इन याचिकाओं पर बाद में विचार किया जाएगा। श्याम बेनेगल और तीस्ता सीतलवाड़ समेत अन्य ने याचिका दाखिल की थी।

सुप्रीम कोर्ट मामले पर सुनवाई के दौरा कई आदेश भी दिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'दस किताबें जिनमें रामचरित मानस और भगवत गीता शामिल है, उनका अनुवाद होगा और सभी पक्षों को दिया जाएगा।' अनुवाद का काम को दो हफ्ते के अंदर पूरा करना होगा।

साथ ही शीर्ष अदालत ने मुख्य पक्षकारों को इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने रखे गए सभी दस्तावेजों और सबूतों की अनुवादित कॉपी को दो हफ्ते के अंदर जमा करने का निर्देश दिया।

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुनवाई कर रही पीठ में सीजेआई के अलावा जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में 14 मार्च को सुनवाई करेगा।

हाईकोर्ट के फैसले को दी गई है चुनौती

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में मालिकाना हक पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 के फैसले को चुनौती दी गई है।

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जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर रोक लगाते हुए विवादित भूमि पर यथास्थिति रखने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हाई कोर्ट ने जो आदेश दिया है, वैसी पक्षकारों ने अपील ही नहीं की थी।

हाई कोर्ट ने 2010 के अपने फैसले में विवादित बाबरी मस्जिद स्थल निर्मोही अखाड़ा, भगवान राम देवता और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बांटने की बात कही थी।

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