कृषि मंत्री बोले- 4 में से 2 मुद्दों पर बनी सहमति, 4 को होगी फिर बैठक
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर कर किसान आंदोलन समाप्त कराने की दिशा में सरकार की ओर से की गई पहल पर किसान संगठनों के नेताओं की केंद्र सरकार के साथ बुधवार को छठे दौर की औपचारिक वार्ता होगी.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर कर किसान आंदोलन समाप्त कराने की दिशा में सरकार की ओर से की गई पहल पर किसान संगठनों के नेताओं की केंद्र सरकार के साथ बुधवार को छठे दौर की औपचारिक वार्ता होगी. हालांकि सरकार और किसान संगठन पहले से तय मुद्दों को लेकर अपने-अपने रुख पर कायम हैं, मगर उन्हें इस वार्ता से समाधान के रास्ते निकलने की उम्मीद है. सरकार की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि किसानों के मसले का समाधान वार्ता से ही होगा और सरकार के आग्रह पर ही आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान संगठनों के नेता अगले दौर की वार्ता के लिए राजी हुए हैं.
सरकार और किसान नेताओं के बीच चल रही बैठक खत्म हो गई है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 4 प्रमुख मुद्दों में से 2 पर किसान और सरकार के बीच सहमति बन गई है. अगली बैठक 4 जनवरी को होगी.
किसान और सरकार के बीच बैठक खत्म हो गई है. कृषि कानून सरकार वापस नहीं लेगी. 4 जनवरी को फिर बातचीत होगी. किसान अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
बैठक के दौरान किसानों के साथ केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल खाना खाते हुए.
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल किसान नेताओं के साथ बातचीत विज्ञान भवन में शुरू.
किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से बातचीत के लिए विज्ञान भवन पहुंचा. एक किसान नेता कहते हैं, किसानों का कहना है हमारा रुख स्पष्ट है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए.
दिल्ली विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच होने वाली वार्ता में शामिल होने के लिए यूपी दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत हुए रवाना.
कृषि कानून पर जारी विवाद के बीच राजनाथ सिंह ने कहा कि वो एक किसान परिवार में पैदा हुए हैं, ऐसे में वो राहुल गांधी से अधिक खेती के बारे में जानते हैं. कृषि कानूनों को किसानों की भलाई के लिए लाया गया है. हालांकि किसान आंदोलन में शामिल किसानों पर खालिस्तानी समर्थक होने का आरोप लगने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि किसानों पर इस तरह का आरोप नहीं लगना चाहिए.
किसान आंदोलन में मेवात से ऐसे संदिग्ध शामिल हुए है, जिनपर इंटेलिजेंस की नज़र है , मोहम्मद आलम नाम का युवक जो की मेवात से शामिल हुआ है और इस पर इंटेलिजेंस की नज़र है , मोहम्मद आलम का पिता सुभान खान है जिसके ऊपर मामले इस प्रकार है.
किसानों की ओर से सरकार के साथ चर्चा करने से पहले ही एक जवाब भेजा गया था. जिसमें किसानों ने कहा था कि वो अपने निश्चित चार मुद्दों पर ही चर्चा करना चाहते हैं, जिनमें कृषि कानून के वापसी के तरीके, बिजली बिल से जुड़े कानून की वापसी और पक्की एमएसपी पर बात करेंगे.
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