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ट्रिपल तलाक शादी को खत्म करने का सबसे 'अनचाहा और बुरा तरीका': SC

सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक को लेकर आज दूसरे दिन भी सुनवाई जारी है। सुनवाई के दूसरे दिन चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने पूछा क्या ट्रिपल तलाक परंपराओं का एक हिस्सा है या फिर इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है?

Updated on: 12 May 2017, 03:23 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक को लेकर आज दूसरे दिन भी सुनवाई जारी है
  • चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने पूछा क्या ट्रिपल तलाक परंपराओं का एक हिस्सा है या फिर इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है?

New Delhi:

सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक को लेकर आज दूसरे दिन भी सुनवाई जारी है। सुनवाई के दूसरे दिन चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने पूछा क्या ट्रिपल तलाक परंपराओं का एक हिस्सा है या फिर इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है?

कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि देश से बाहर दूसरे देशों में ट्रिपल तलाक को लेकर क्या स्थिति है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिमों के भीतर ट्रिपल तलाक शादी को खत्म करने का सबसे 'बुरा और अवांछित' तरीका है।

मामले का जवाब देते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि दूसरे देशों में ट्रिपल तलाक नहीं है बल्कि केवल भारतीय मुस्लिमो में इसका प्रचलन हैं। 

चीफ जस्टिस ने कहा कि ट्रिपल तलाक में आपसी सहमति से फैसला नहीं लिया जाता है। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 15 राज्य के कानून की बात करता है और इसमें किसी पर्सनल लॉ की जगह नहीं है।

वहीं फोरम फॉर नैशनल सिक्योरिटी की तरफ से पेश हुए राम जेठमलानी ने कहा ट्रिपल तलाक शादी को खत्म करने का वैसा तरीका है जिसमें केवल पुरुषों को ही अधिकार मिला हुआ है, न कि महिलाओं को। जेठमलानी ने कहा कि ट्रिपल तलाक संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

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सुनवाई के दौरान सलमान खुर्शीद ने इस मसले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के मत पर सवाल उठाते हुए कहा की बोर्ड के मुताबिक ट्रिपल तलाक गलत है ,पाप है लेकिन इसके बावजूद कानूनन वैध है।

इस पर जस्टिस कुरियन जोसेफ ने सवाल किया कि जो पाप है, वो शरियत का हिस्सा कैसे हो सकता है?

जोसेफ ने पूछा कि जो ईश्वर की नजर में पाप है वह इंसानों की ओर से बनाए गए कानून में कैसे वैध हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दूसरे सभी पक्षों से पूछा कि अभी तक कितने इस्लामी और गैर इस्लामिक देशों में ट्रिपल तलाक को बैन किया जा चुका हैं?

सलमान खुर्शीद ने बताया कि दूसरे देशों में तत्कालिक ट्रिपल तलाक प्रचलित नही हैं। इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि भारत में ट्रिपल तलाक का प्रचलन क्यों है।

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