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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक पर सोमवार को तीसरे दिन भी सुनवाई जारी है। संवैधानिक पीठ के समक्ष केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर वह ट्रिपल तलाक को पूरी तरह से खत्म कर देता है, तो केंद्र इसे लेकर कानून लाएगा।
रोहतगी ने कहा कि ट्रिपल तलाक मुस्लिम महिलाओं की समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे कट्टरपंथी देश भी अब सुधार की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं, लेकिन धर्म-निरपेक्ष होने के बावजूद हम आज तक इस मामलों पर बहस ही कर रहे हैं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि बेशक अभी वह ट्रिपल तलाक को लेकर सुनवाई कर रहा है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हलाला और बहुविवाह के मामले को बंद कर दिया गया है।
कोर्ट ने कहा, 'हलाला और बहुविवाह का मसला अभी बंद नहीं किया गया है। इन पर भी आगे विचार होगा। इस वक़्त समय की कमी से सिर्फ तीन तलाक पर विचार हो रहा है।'
कोर्ट ने ऐसा तब कहा जब अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने ये याद दिलाया कि 2 जजों की बेंच ने 3 तलाक, हलाला और बहुविवाह पर संज्ञान लिया था।
अटॉर्नी जनरल ने कहा, 'इंडोनेशिया, श्रीलंका, ईरान, इराक, टर्की जैसे देशों के अपने वैवाहिक कानून है।' उन्होंने कहा, 'देश के कई हाईकोर्ट एक साथ 3 तलाक के खिलाफ आदेश दे चुके हैं।'
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ट्रिपल तलाक इस्लाम में शादी खत्म करने का सबसे बुरा और अवांछनीय तरीका है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दूसरे दिन चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने पूछा था कि क्या ट्रिपल तलाक परंपराओं का एक हिस्सा है या फिर इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है?
#SC says due to paucity of time it will only be dealing with issue of #tripletalaq. Will keep issues of #polygamy & #nikahhalala pending.
— Press Trust of India (@PTI_News) May 15, 2017
कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि देश से बाहर दूसरे देशों में ट्रिपल तलाक को लेकर क्या स्थिति है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिमों के भीतर ट्रिपल तलाक शादी को खत्म करने का सबसे 'बुरा और अवांछित' तरीका है।
मामले का जवाब देते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि दूसरे देशों में ट्रिपल तलाक नहीं है बल्कि केवल भारतीय मुस्लिमो में इसका प्रचलन हैं।
चीफ जस्टिस ने कहा कि ट्रिपल तलाक में आपसी सहमति से फैसला नहीं लिया जाता है। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 15 राज्य के कानून की बात करता है और इसमें किसी पर्सनल लॉ की जगह नहीं है।
वहीं फोरम फॉर नैशनल सिक्योरिटी की तरफ से पेश हुए राम जेठमलानी ने कहा ट्रिपल तलाक शादी को खत्म करने का वैसा तरीका है जिसमें केवल पुरुषों को ही अधिकार मिला हुआ है, न कि महिलाओं को। जेठमलानी ने कहा कि ट्रिपल तलाक संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
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सुनवाई के दौरान सलमान खुर्शीद ने इस मसले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के मत पर सवाल उठाते हुए कहा की बोर्ड के मुताबिक ट्रिपल तलाक गलत है ,पाप है लेकिन इसके बावजूद कानूनन वैध है।
इस पर जस्टिस कुरियन जोसेफ ने सवाल किया कि जो पाप है, वो शरियत का हिस्सा कैसे हो सकता है?
जोसेफ ने पूछा कि जो ईश्वर की नजर में पाप है वह इंसानों की ओर से बनाए गए कानून में कैसे वैध हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दूसरे सभी पक्षों से पूछा कि अभी तक कितने इस्लामी और गैर इस्लामिक देशों में ट्रिपल तलाक को बैन किया जा चुका हैं?
सलमान खुर्शीद ने बताया कि दूसरे देशों में तत्कालिक ट्रिपल तलाक प्रचलित नही हैं। इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि भारत में ट्रिपल तलाक का प्रचलन क्यों है।
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HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक पर आज तीसरे दिन भी सुनवाई जारी
- ट्रिपल तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ सुनवाई कर रही है
- केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी पक्ष रख रहे हैं
Source : News Nation Bureau