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कोर्ट ने रामपाल को दो मामलों में किया बरी, फिलहाल जेल में ही रहेंगे

हरियाणा के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को हिसार कोर्ट ने 2 अपराधिक मामलों में बरी कर दिया है।

Updated on: 29 Aug 2017, 06:15 PM

नई दिल्ली:

हरियाणा के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम संचालक रामपाल के खिलाफ चल रहे दो केसों में हिसार कोर्ट ने फैसला सुनाया। इस दौरान रामपाल को कोर्ट ने सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और लोगों को बंधक बनाने के मामले में बरी कर दिया है।

कोर्ट ने हिसार सेंट्रल जेल नंबर 1 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की। इस दौरान रामपाल को कोर्ट ने राहत देते हुए धारा 426 और 427 के तहत बरी कर दिया है। फैसले के मद्देनजर हिसार में धारा 144 लागू कर दी गई थी।

जानकारी के अनुसार रामपाल पर एफआईआर नंबर 201, 426, 427 और 443 के तहत पेशी हुई थी। इसमें कोर्ट ने 426 और 427 के तहत फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।

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हालांकि रामपाल अभी जेल में ही रहेंगे। उन पर दर्ज अन्य मामलों में कोर्ट सुनवाई के बाद फैसला सुनाएगी। बता दें कि इन दिनों रामपाल देशद्रोह के मामले में जेल में बंद हैं। इससे पहले भी साल 2006 में रामपाल पर हत्या का केस दर्ज हुआ था।

बता दें कि जब पुलिस इन्हीं मामलों में रामपाल को गिरफ्तार करने पहुंची थी तो उस दौरान इसके समर्थकों ने पूरे आश्रम को घेर लिया था। इसके बाद बरवाला के सतलोक आश्रम के आसपास काफी तनाव की स्थिति बन गई थी। सीआरपीएफ और पुलिस के कई दल लगातार वहां तैनात रहे।

बड़ी कार्रवाई के बाद रामपाल को गिरफ्तार किया जा सका था। रामपाल इन दिनों देशद्रोह के एक मामले में हिसार जेल में बंद है।

कौन हैं संत रामपाल

रामपाल ने हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में बतौर जूनियर इंजीनियर अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वह स्वामी रामदेवानंद महाराज से संपर्क में आए और उनके शिष्य बन गए।

रामपाल ने करीब 23 साल पहले 1995 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सत्संग करने लगे। यही से उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ती चली गई।

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आर्य समाज से रहा विवाद

रामपाल के 2006 में स्वामी दयानंद की लिखी एक किताब पर टिप्पणी के बाद दोनों के समर्थकों के बीच झड़प हुई। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई और पुलिस ने आश्रम को कब्जे में ले लिया।

इस दौरान रामपाल भी गिरफ्तार हुए और फिर जेल से बाहर भी आए। लेकिन आर्य समाज से उनके समर्थकों की समय-समय पर झड़प जारी रही।

लगातार हो रही घटनाओं के बीच पंजाब-हरियाणा कोर्ट ने संत रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। तब संत के समर्थकों ने रामपाल को अस्वस्थ बताकर गिरफ्तारी का आदेश मानने से ही इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।