संसद में हंगामे के बाद पीएम मोदी ने बुलाई मंत्रिमंडल की बैठक

नोटबंदी के खिलाफ संसद में चल रहे हंगामे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात आठ बजे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है।

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Abhishek Parashar
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संसद में हंगामे के बाद पीएम मोदी ने बुलाई मंत्रिमंडल की बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

नोटबंदी के खिलाफ संसद में चल रहे हंगामे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात आठ बजे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। संसद के शीतकालीन सत्र का सातवां दिन भी नोटबंदी को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ चुका है।

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सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल की बैठक में बैंकों में जमा रकम पर कर के बारे में चर्चा की जा सकती है। एक अनुमान के मुताबिक नोटबंदी के बाद बैंकों में करीब 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा हुई है।

माना जा रहा है कि सरकार ने बैंकों में बेनामी संपत्ति जमा कराने वालों के खिलाफ 60 फीसदी आय कर लगाने से संबंधित कानून में संशोधन किए जाने पर विचार किया। जन-धन खातों में 21,000 करोड़ रूपये जमा कराए जाने के बाद सरकार इस बारे में विचार कर रही है। अधिकारियों को इस बात की शंका है जन धन के खातों में काले धन जमा कराए जा रहे हैं।

हालांकि सरकार ने अभी तक कैबिनेट की बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट ने कर संबंधी नियमों में संशोधन किए जाने की मंजूरी दे दी है जो बचत खातों से जुड़ा हुआ है। विपक्ष संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री की बयान को लेकर अड़ा हुआ था। गुरूवार को हालांकि पीएम मोदी राज्यसभा में आए लेकिन उन्होंने कोई बयान नहीं दिया। गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को थोड़ी बहुत चर्चा के बाद शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी की मौजूदगी में चर्चा की शुरुआत करते हुए सरकार पर जबरदस्त हमला बोला। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी से जीडीपी में 2 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। 

सिंह ने कहा कि विपक्ष कालेधन पर लगाम किए जाने की कोशिशों के खिलाफ नहीं है लेकिन जिस तरह से सरकार ने नोटबंदी के फैसले को लागू किया, उससे गरीबों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है।

मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी पर 60-65 लोग मर चुके हैं, इससे कमजोर तबके का करेंसी और बैंकिंग सिस्टम मे भरोसा कम हुआ है। उन्होंने कहा, 'पीएम ने 50 दिन मांगे लेकिन गरीब लोगों के लिए इतने दिन भी घातक ही हैं।

सिंह ने कहा कि पीएम को इस योजना को रचनात्मक तरीके से लाना चाहिए था। पीएम ने लोगों से 50 दिन मांगे हैं, जो लोगों पर भारी पड़ेंगे। आरबीआई और पीएमओ इसे लागू करने में पूरी तरह फेल रहे।

18 दिसंबर को खत्म हो रहे संसद के शीत सत्र के दौरान सरकार को कई अहम बिल पास कराने हैं। इसमें बड़े आर्थिक सुधार से संबंधित जीएसटी से जुड़े दो बिल भी हैं। अप्रैल 2017 में जीएसटी को लागू कराने के लिए सरकार को इस सत्र में यह बिल पास कराना जरूरी है।

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हालांकि सरकार ने संसद के भीतर और बाहर विपक्ष के आरोपों का करारा जवाब दिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन के बाहर जेटली ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, 'विपक्ष को लगता है कि नोटबंदी सबसे बड़ा ब्लंडर है, क्या उन्हें 2 जी और कॉमनवेल्थ स्कैम में ब्लंडर नज़र नहीं आता?'

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बसपा सुप्रीमो मायावती का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, यूपी का चुनाव होने दीजिये उन्हें मालूम हो जाएगा कि उनकी पार्टी की हालत क्या है? इससे पहले सदन में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था, 'प्रधानमंत्री ने बिना किसी तैयारी के ही फ़ैसला लागू कर दिया है। अगर उन्हें लगता है कि उनका फ़ैसला सही है तो फिर से लोकसभा चुनाव करा लें।

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HIGHLIGHTS

  • नोटबंदी पर संसद में हुए हंगामे के बाद पीएम मोदी ने रात आठ बजे बुलाई कैबिनेट की बैठक
  • गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी की मौजूदगी में राज्यसभा में सरकार पर निशाना साधा

Source : News Nation Bureau

Narendra Modi cabinet meeting PM
      
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