मानसून सत्र के चौथे दिन लोकसभा में किसानों के मु्द्दे पर जमकर हंगामा हुआ। किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले सदन की शुरुआत के साथ ही हंगामे के कारण लोकसभा को पहले 20 मिनट तक के लिए स्थगित किया और बाद में इसे दोपहर तक के लिए स्थगित किया गया था।
मानसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही है। दलित और अल्पसंख्यकों पर होने वाला अत्याचार, किसानों की आत्महत्या, भीड़ की तरफ से पीट-पीटकर हत्या किए जाने का मामला और कथित गोरक्षकों की हिंसा के मामले में विपक्ष सरकार पर हमलावर है।
दलित मुद्दे पर राज्यसभा में 'बोलने नहीं दिए जाने' को लेकर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के इस्तीफा देने के बाद राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। सदन में आज भीड़ की हिंसा को लेकर चर्चा होना है। देश में भीड़ की तरफ से हुई हिंसा के मामले में अधिकांश बार अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है।
सत्र के तीसरे दिन सदन में हुई चर्चा के दौरान गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने साफ कर दिया था कि भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या करने की घटनाओं से निपटने के लिए सरकार कोई अलग कानून लाने पर विचार नहीं कर रही है।
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न का जवाब देते हुए अहीर ने कहा कि पीट पीटकर जान किसी एक व्यक्ति द्वारा ली जाए या कई व्यक्तियों द्वारा, वर्तमान कानून उससे निपट सकते हैं।
अहीर ने कहा, 'राज्य सरकारें वर्तमान कानूनों के तहत ऐसी घटनाओं में शामिल व्यक्ति या लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती हैं। मुझे नहीं लगता कि इसके लिए किसी अलग कानून की जरूरत है।'
HIGHLIGHTS
- मानसून सत्र के चौथे दिन भी संसद के दोनों सदनों में हंगामा होने की आशंका है
- भीड़ हिंसा और किसानों के मुद्दे पर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं