Hathras Updates: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात
हाथरस में दलित युवती से गैंगरेप और मौत के मामले में देशभर में आक्रोश है. इस केस की SIT से जांच कराने को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेंगे. दिल्ली निवासी सत्यमा दुबे, विकास ठाकरे, रुद्रप्रताप यादव और सौरभ यादव ने यह जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि यूपी में मामले की जांच और ट्रायल निष्पक्ष नहीं हो पाएगी.
नई दिल्ली :
हाथरस में दलित युवती से गैंगरेप और मौत के मामले में देशभर में आक्रोश है. इस केस की SIT से जांच कराने को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई खत्म हो गई. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच इस याचिका पर सुनवाई की. दिल्ली निवासी सत्यमा दुबे, विकास ठाकरे, रुद्रप्रताप यादव और सौरभ यादव ने यह जनहित याचिका दाखिल किया है. मामले में अब अलगे हफ्ते सुनवाई होगी.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले पीड़ित परिवार से मिलने हाथरस पहुंचे, परिवारीजनों से कर रहे हैं मुलाकात.
यूपी सरकार ने हलफनामे में कहा है कि हमने लड़की के मौत से पहले दिए बयान के मुताबिक धारा 354 ( छेड़छाड़) को डिलीट करके धारा 376 D के तहत गैंगरेप का मामला ज़रूर दर्ज कर लिया है. आरोपियों की गिरफ्तारी भी इसमे हुई है. मुकदमा भी वही है, पर मेडिकल रिपोर्ट में कही से भी रेप/ अननेचुरल सेक्स जैसी कोई बात सामने नहीं आई है.
इसके बाद सीजेआई ने कहा कि ठीक है, आप गवाहों की सुरक्षा को लेकर किए इंतजामों पर और पीड़ितों की सुरक्षा के बारे में हलफनामे में पूरी जानकारी दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो सुनिश्चित करेगा कि हाथरस मामले की जांच सही तरीके से चले.
सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि हम पीड़ित पक्ष और गवाहों के सुरक्षा के यूपी सरकार के बयान को दर्ज कर रहे हैं या आप हलफनामा दाखिल करें. इस पर सरकार की ओर से पेश हो रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कल तक दाखिल कर देंगे.
सीजेआई ने कहा कि क्या ये बेहतर नहीं हो कि ये मामला पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट सुने. HC भी इस मामले से जुड़ी तमाम आशंकाओं को ध्यान में रखकर सुन सकता है. आपने HC का रुख क्यों नहीं किया.
हम भी यह मानते हैं कि घटना झकझोर कर देने वाली है, लेकिन सवाल ये है कि हम एक ही तरह की दलील कितने लोगों से सुने-CJI
वकील कीर्ति सिंह ने कहा- मैं कोर्ट की सौ महिला वकीलों की तरफ से बोल रही हूं. यह एक झकझोरने वाली घटना हुई है. कोर्ट को मॉनिटरिंग करनी चाहिए.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस की साजिश के आरोप में जिस सिद्दीकी नाम के शख्स पकड़ा है, वह पत्रकार है. जिसके लिए केरल यूनियन ऑफ वर्किग जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि सिद्दीकी हाथरस कांड को कवर करने जा रहे थे. इसलिए उन्हें जल्द रिहा जाए किया.
हमारा सवाल ये है कि क्या आपका इस आपराधिक मामले से सम्बंध है. हम सिर्फ इसलिए आपको सुन रहे है कि क्योंकि ये मामला असाधरण है. आप अपनी बात रख सकती है, पर आपका इस मामले मे याचिकाकर्ता के रूप में कोई ओचित्य नहीं है. हमे इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता को सुनना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
वरिष्ठ वकील इंदिरा जय सिंह ने कोर्ट से परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की. उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस मामले का ट्रायल हो.
हाथरस केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरु हो चुकी है. SG तुषार मेहता यूपी सरकार का पक्ष रख रहे हैं. तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा- हम याचिका का विरोध नहीं कर रहे है. झूठे नरेटिव गढ़े जा रहे है, लेकिन दुःखद है कि एक जवान लड़की की जान चली गई.
हाथरस पीड़ित परिवार से मिलने बाम दलों का प्रनिधिमण्डल पहुंचा है. वृन्दा करात , सीताराम येचुरी, डीराजा , सुजीत कौर ने सरकार को लिया आड़े हाथ लिया.
पुलिस की जांच में ये खुलासा हो गया है, कि हाथरस कांड की आड़ में आतंकी संगठन और विपक्षी दलों ने माहौल खराब करने की कोशिश की- ब्रजेश पाठक, कानून मंत्री
हाथरस गैंगरेप केस में यूपी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया कि विपक्षी सियासी दलों के नेताओं ने यूपी सरकार को बदनाम करने के लिए साजिश रचा है. दंगे कराने के लिए जानबूझकर और सुनियोजित प्रयास किए जा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने हलफनामा दायर किया. हलफनामा में कहा, हाथरस में पुलिस ने कानून के मुताबिक सभी जरूरी कदम उठाएं है. असाधरण हालतों के चलते रात के वक्त लड़की के अंतिम संस्कार जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा. कुछ राजनीतिक पार्टियों और मीडिया का एक हिस्सा इस मामले को संप्रदायिक /जातीय रंग देने में लगा है. मेडिकल रिपोर्ट्स लड़की के साथ रेप होने जैसी कोई बात सामने नहीं आई है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया, जिसमें सरकार ने कहा कि कोर्ट को हाथरस में लड़की के साथ बलात्कार और हमले की सीबीआई जांच के निर्देश देने चाहिए.
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया, जिसमें सरकार ने कहा कि कोर्ट को हाथरस में लड़की के साथ बलात्कार और हमले की सीबीआई जांच के निर्देश देने चाहिए.
हाथरस मामले में वेबसाइट बनाकर जातीय हिंसा फैलाने के लिए फंडिंग की बात सामने आने के बाद अब ईडी भी इस मामले की जांच करेगा. जल्द ही ईडी मामले में मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर देगी. बताया जा रहा है कि विदेशों से भी बड़े पैमाने पर फंडिंग किये जाने की बात सामने आने के बाद ईडी जांच करेगी.
हाथरस केस में एसआईटी की टीम पीड़ित परिवार के गांव पहुंची है. यह पांचवी बार होगा जब एसआईटी गांव में पहुंची है. बता दें कि पूरे घटना की जांच एसआईटी कर रही है.
हाथरस केस के बहाने जातीय हिंसा की साजिश का खुलासा हुआ है. दिल्ली दंगों में शामिल रहे संगठन PFI के 4 कार्यकर्ता मथुरा में गिरफ्तार किए गए हैं.
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