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अर्बन नक्सल गैंग की साजिश पर सबसे बड़ा खुलासा

सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, जिन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया है, उन्होंने 2010 से 2011 के बीच तीन बार अमेरिका का दौरा किया था और वह गुलाम नबी फई के संपर्क में थे.

Updated on: 15 Oct 2020, 12:31 PM

नई दिल्ली:

एनआईए ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आठ आरोपियों- गौतम नवलखा, हनी बाबू, आनंद तेलतुम्बड़े, सागर गोरखे, रमेश गाइचोर, ज्योति जगताप, मिलिंद तेलतुम्बड़े और स्टेन स्वामी के खिलाफ मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत में पूरक आरोपपत्र दायर किया. इन आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के साथ ही भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. एनआईए ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि नवलखा ने 2010 से 2011 के बीच तीन बार अमेरिका का दौरा किया था.

सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, जिन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया है, उन्होंने 2010 से 2011 के बीच तीन बार अमेरिका का दौरा किया था और वह गुलाम नबी फई के संपर्क में थे.

बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे के पास भीमा कोरेगांव में एक युद्ध स्मारक के पास एक जनवरी 2018 को हिंसा भड़क गई थी। इसके एक दिन पहले ही पुणे शहर में हुए एल्गार परिषद सम्मेलन के दौरान कथित तौर पर उकसाने वाले भाषण दिए गए थे. पुणे पुलिस ने इस मामले में क्रमश: 15 नवंबर, 2018 और 21 फरवरी, 2019 को एक आरोपपत्र और एक पूरक आरोपपत्र दायर किया था. बाद में केंद्र सरकार ने इस मामले को एनआईए के हवाले कर दिया था.

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नवलखा से जब्त दस्तावेजों की जांच के दौरान, यह स्पष्ट हो गया कि वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी (भाकपा-माओवादी) से जुड़े हुए हैं, क्योंकि उनके कब्जे से कई रणनीतिक दस्तावेज बरामद किए गए हैं. इस मामले में एनआईए ने इस साल 24 जनवरी को मामला दर्ज किया था.


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एनआईए के अनुसार, जब फई अमेरिकी जेल में अपनी सजा काट रहा था, तब नवलखा ने उसके क्षमादान के लिए अमेरिकी अदालत के न्यायाधीश को पत्र लिखकर उसका समर्थन किया था. एनआईए ने यह भी आरोप लगाया कि नवलखा ने कश्मीर अलगाववादियों के आंदोलन और सीपीआई (माओवादी) के आंदोलन से जुड़े कई मुद्दों पर विभिन्न मंचों और कार्यक्रमों में भाषण भी दिए हैं.

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एनआईए के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, नवलखा फोन और ईमेल के जरिए फई से संपर्क कर रहे थे. अधिकारी ने कहा कि फई की ओर से पाकिस्तान में उसकी भर्ती के लिए पाकिस्तानी आईएसआई जनरल से नवलखा को मिलवाया गया था. एनआईए ने अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि नवलखा आईएसआई के संपर्क में था और उसे सरकार के खिलाफ बुद्धिजीवियों को एकजुट करने का काम सौंपा गया था.