शराबबंदी वाले बिहार में शराब ने कई घर उजाड़े, खुशियां मातम में तब्दील
शराबबंदी वाले बिहार में शराब ने कई घर उजाड़े, खुशियां मातम में तब्दील
मुजफ्फरपुर:
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कांटी प्रखंड के सिरसिया गांव के रहने वाले रामबाबू राय (65) की कथित तौर पर शराब पीने से हुई असामयिक मौत से उनके घर को तबाह कर दिया है। अब लोगों को आशंका है कि उनके घर मे शादी की शहनाई नहीं गूंजेगी।ग्रामीण कहते एक माह बाद उनकी पोती अनिशा की शादी होने वाली थी। रामबाबू की बहुत इच्छा थी कि उनकी जिंदगी में ही उनकी पोती अनिशा के हाथ पीले हो जाए और उसका घर बस जाए। लेकिन रामबाबू की मौत से उनके ही घर को मानो उजड गया।
मृतक के पुत्र चुन्नू राय ने बताया कि बेटी की शादी तय हो चुकी थी। लेकिन, इस शराब ने परिवार की खुशियां उजाड़ कर रख दी। अब तो छठ और होली भी नहीं मनाएंगे।
चुन्नू बताते हैं कि उनके पिता रेलवे से रिटायर्ड हुए थे और अधिकांश समय घर पर ही रहते थे। उन्होंने माना कि वे कभी-कभी शराब पी लेते थे, लेकिन इस बार किसने और कब उन्हें शराब पिलाई, यह कहना मुश्किल है।
चुन्नू बताते हैं, मंगलवार को अचानक से वे सुबह उठे और पानी मांगने लगे थे। कहने लगे कि कुछ नहीं दिख रहा है। इसके बाद बेचैन हो गए। शर्ट फाड़कर फेंक दिया। उल्टियां करने लगे। आनन-फानन में अस्पताल ले गए लेकिन हमलोग बचा नहीं सके। अस्पताल में ही दो घंटे के बाद उनकी मौत हो गई।
इधर, इसी गांव के रहने वाले मृतक दिलीप राय के घर भी अब शादी की शहनाई नहीं बजेगी। उनकी छोटी बेटी की शादी होने वाली थी। कई जगहों पर बातचीत चल रही थी। लेकिन, एक झटके में परिवार की खुशियां उजड़ गयी।
मृतक के भाई संजीव ने बताया कि दिलीप गुजरात मे रखकर मेहनत मजदूरी करते थे। छठ मनाने घर आये हुए थे। दो बेटी की शादी हो चुकी है। तीसरी और सबसे छोटी खुशबू की शादी की बात चल रही थी, लेकिन उसके पहले ही घर पर पहाड टूट गया। घर में खुशियों की शहनाई गूंजने से पहले मातमी सन्नाटा पसर गया।
सिरसिया गांव के रहने वाले सुमित कुमार उर्फ गोपी (25) की भी मौत कथित तौर शराब पीने से हो गई है। उसकी मां आशा देवी कहती है वह आठ साल से छठ पूजा करता था। छठी मइया में उसकी बहुत आस्था थी। वह राजमिस्त्री का काम करता था। 2012 में उसकी शादी हुई थी, उसके चार बच्चे हैं।
सुमित की मौत के बाद सात साल के बड़े बेटे दिव्यांश ने उसे मुखाग्नि दी। पूरा गांव इस ²श्य को देखकर गमगीन उठा। आसपास के लोग बताते हैं, दिव्यांश को यह भी ठीक तरीके से पता नहीं कि यह सब क्या हो रहा है। लेकिन होनी को कौन टाल सकता है, कथित तौर पर शराब ने जिंदगियां तो उजाड ही दी।
बिहार की विपक्षी पार्टियां इसके लिए भले ही सिस्टम को दोष दे और सरकार अब फिर से समीक्षा की बात करे, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि इन उजडे परिवारों को फिर से सहारा कौन देगा, जो इनकी जिंदगी में फिर खुशहाली लौट सके।
उल्लेखनीय है कि कांटी थाना क्षेत्र में इस सप्ताह कथित तौर शराब पीने से छह लोगों की मौत हो गई है।
गौरतलब है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू है। पिछले एक पखवारे में गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण और समस्तीपुर जिले में कथित तौर पर शराब पीने से तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई है। पुलिस अब हालांकि ताबडतोड छापेमारी कर रही है।
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