सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन के नुकसान की भरपाई के लिए दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर शिकंजा कसने का मन बना लिया है. पहले कदम के रूप में दिल्ली पुलिस ने संपत्तियों के नुकसान का अनुमान लगाने के लिए आयुक्त नियुक्त किए जाने को लेकर अपने रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. 13 दिसंबर को दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी.
दिल्ली पुलिस ने यह कदम उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद किया है. सीएम योगी ने घोषणा की थी कि CAA के प्रदर्शन में जिन लोगों ने पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया है उनकी संपत्ति को जब्त करके नुकसान की भरपाई होगी.
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दिल्ली पुलिस के कदम के बारे में बताते हुए डिप्टी कमिश्नर (क्राइम ब्रांच) जॉय तिर्की ने कहा, ''क्लेम कमिश्नर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दिशा-निर्देशों के अनुसार न्याय के हित में नुकसान का आकलन करने और दायित्व की जांच करने में हमारी मदद करेंगे.''
उन्होंने कहा कि एक बार जब क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति हो जाती है, तो जांच के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा और नुकसान के लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी. तिर्की ने कानूनी दिशानिर्देशों को स्पष्ट करते हुए कहा, "नुकसान की भरपाई वास्तविक अपराधियों और साथ ही साथ आयोजकों द्वारा वहन द्वरा भराई जाएगी."
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जामिया मिलिया इस्लामिया, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दरियागंज, सीलमपुर और जाफराबाद में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान बसों सहित कम से कम 10 सार्वजनिक और निजी वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था. इस महीने की शुरुआत में इन झड़पों में छात्रों, प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों सहित 100 से अधिक लोग घायल हुए थे.
शहर की पुलिस ने पहले ही हिंसा के संबंध में दर्ज किए गए सार्वजनिक और निजी संपत्तियों पर दंगा, आगजनी, हत्या के प्रयास और क्षति के सभी 10 मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद सहित कुल 64 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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यह पहली बार है जब दिल्ली पुलिस ने संपत्ति को नुकसान का अनुमान लगाने और जिम्मेदारी तय करने के लिए एक आयुक्त की नियुक्ति की मांग की है. डीसीपी तिर्की ने कहा कि यह निर्णय "सार्वजनिक और निजी संपत्ति को व्यापक नुकसान" को ध्यान में रखते हुए लिया गया था.
तिर्की ने कहा कि दावा आयुक्त क्षति का आकलन करने और अपराधियों के साथ एक कड़ी स्थापित करने के लिए वीडियो या अन्य रिकॉर्डिंग मांग सकते हैं. दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को चोट या मृत्यु होने से होने वाली क्षति, अधिकारियों द्वारा निवारक कार्रवाई करने की लागतों का भी आकलन किया जाएगा.
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पुलिस के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, “सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम को नुकसान की रोकथाम के तहत और माननीय सर्वोच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशानिर्देश में स्पष्ट रूप से पुलिस को आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने वालों से नुकसान की वसूली का अधिकार दिया है. अगर, (किसी) राज्य पुलिस ने यह कार्रवाई शुरू की है, तो यह इस देश की अदालतों के निर्देशों के आधार पर है और इसका व्यापक जन समर्थन भी होगा क्योंकि हम लोगों को सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने की अनुमति नहीं दे सकते हैं.
Source : News Nation Bureau