पीएम मोदी बोले, देश के कल्याण के लिए कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका मिलकर करे काम

मोदी ने कहा कि सिर्फ कार्यपालिका व न्यायपालिका ही नहीं, बल्कि सभी संस्थान जो संविधान से चलते हैं, उन्हें साथ मिलकर काम करना होगा।

मोदी ने कहा कि सिर्फ कार्यपालिका व न्यायपालिका ही नहीं, बल्कि सभी संस्थान जो संविधान से चलते हैं, उन्हें साथ मिलकर काम करना होगा।

author-image
Deepak K
एडिट
New Update
पीएम मोदी बोले, देश के कल्याण के लिए कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका मिलकर करे काम

पीएम मोदी (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र के तीन स्तंभों-कार्यपालिका, विधायिका व न्यायपालिका- को भारत को मजबूत, सुरक्षित व आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने व एक-दूसरे को मजबूत करने का आह्वान किया।

Advertisment

राष्ट्रीय विधि दिवस पर भारतीय विधि आयोग व नीति आयोग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय बैठक के समापन भाषण में मोदी ने कहा तीनों के बीच में संतुलन भारतीय संविधान की रीढ़ है।

मोदी ने कहा कि सिर्फ कार्यपालिका व न्यायपालिका ही नहीं, बल्कि सभी संस्थान जो संविधान से चलते हैं, उन्हें साथ मिलकर काम करना होगा और अपनी ऊर्जा को जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में लगाना होगा।

केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के ज्यादा सक्रिय होने व कार्यपालिका व विधायिका के काम में दखल देने की आलोचना के बाद मोदी ने तीनों शाखाओं में समन्वय की बात कही। प्रधानमंत्री के बयान को माहौल को सामान्य करने के प्रयास का हिस्सा भी माना जा रहा है।

राष्ट्रीय कानून दिवस पर पीएम मोदी बोले- चुनाव एक साथ होने से संसाधनों पर अनावश्यक बोझ नहीं पड़ेगा

सर्वोच्च अदालत कॉलेजियम के 1993 से न्यायिक नियुक्तियों की लेखा परीक्षा की मांग करते हुए प्रसाद ने शीर्ष अदालत द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के खिलाफ दिए गए फैसले की भी आलोचना की। कॉलेजियम प्रणाली को बदलने के लिए मोदी सरकार राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग लाई थी।

प्रसाद ने कई मामलों का उदाहरण दिया। इसमें बोर्ड फॉर कंट्रोल ऑफ क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) का मामला भी शामिल था, जिसे लेकर उन्होंने शीर्ष अदालत की आलोचना की।

झूठ बन चुकी है मोदी सरकार की पहचान, पूरे नहीं हुए कई वादे: अरुण शौरी

बीसीसीआई के मुद्दे को कानून मंत्री द्वारा उठाए जाने पर इसमें शामिल होने से इनकार करते हुए प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा, "हम शक्तियों के पृथक्करण को स्वीकार करते हैं, मान्यता व सम्मान देते हैं।"

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि सरकार व अदालतें संविधानिक संप्रभुत्ता के सिद्धांत से बंधी हुई हैं और संविधान यह उम्मीद करता है कि व्यवस्था के तीनों अंग खुद को किसी से ऊपर समझे बगैर परस्पर सम्मान से काम करें।

एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप: पाक को हराकर भारत ने जीता खिताब

Source : News Nation Bureau

Legislature Judiciary Dipak Misra Executive CJI Narendra Modi PM
Advertisment