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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फाइल फोटो
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आज यानी 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी का 69वां जन्मदिन (PM Narendra Modi's Birth Day) है. 17 सितंबर ही के दिन सन 1950 में उनका जन्म गुजरात के वडनगर में हुआ था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फाइल फोटो
आज यानी 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी का 69वां जन्मदिन (PM Narendra Modi's Birth Day) है. 17 सितंबर ही के दिन सन 1950 में उनका जन्म गुजरात के वडनगर में हुआ था. गुजरात की 'जीवन रेखा' माने जाने वाले सरदार सरोवर बांध के जल्दी ही पूरी तरह भरने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को खुद इस घटना के गवाह बनेंगे. आइए आज मोदी के जन्मदिन पर उनके जीवन से जुड़ी पांच कहानियां जानते हैं, जो आपको भी आत्मविश्वास से भर देंगी.
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चाय बेची
17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में पीएम नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ था. पांच भाई-बहनों में नरेंद्र मोदी का नंबर तीसरा है. वडनगर रेलवे स्टेशन पर नरेंद्र मोदी के पिता चाय बेचने का काम करते थे. वह स्कूल के बाद सीधा पिता की दुकान पर पहुंच जाते और ग्राहकों को चाय देते. वे रेल के डिब्बों में घूम कर भी चाय बेचते थे.
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दयालु थे मोदी
'कॉमनमैन नरेंद्र मोदी' में किशोर मकवाना लिखते हैं कि स्कूली दिनों में नरेंद्र एनसीसी कैंप में गए जहां से बाहर निकलना मना था. स्कूल के शिक्षक गोवर्धनभाई पटेल ने देखा कि मोदी एक खंबे पर चढ़े हुए हैं तो उन्हें गुस्सा आ गया. लेकिन जब उनकी नज़र इस बात पर पड़ी कि एक फंसे हुए पक्षी को निकालने के लिए नरेंद्र मोदी खंबे पर चढ़े हैं तो उनका गुस्सा खत्म हो गया.
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जूतों की कहानी
पीएम मोदी के घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे जूते खरीद सकें. उनके मामा ने उन्हें सफेद कैनवस जूते खरीद कर दिए. अब जूते गंदे होने तय थे लेकिन नरेंद्र मोदी के पास पॉलिश खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे. उन्होंने एक तरीका निकाला, टीचर जो चॉक के टुकड़े फेंक देते थे उन्हें वो जमा कर लेते थे और उनका पाउडर बनाकर भिगोकर अपने जूतों पर लगा लिया करते थे. सूखने के बाद जूते नए जैसे ही लगते थे.
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मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ा
नरेंद्र मोदी अपने बचपन के दोस्त के साथ शर्मिष्ठा सरोवर गए थे जहां से वह एक मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ लाए. उनका मां हीरा बा ने उनसे कहा कि इसे वापस छोड़कर आओ. बच्चे को कोई यदि मां से अलग कर दे तो दोनों को ही परेशानी होती है. मां की ये बात नरेंद्र मोदी को समझ आ गई और वो उस मगरमच्छ के बच्चे को वापस सरोवर में छोड़ आए.
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शरारती भी थे मोदी
'मन की बात' में पीएम मोदी ने बताया था कि वो शहनाई बजाने वालों को इमली दिखाया करते थे ताकि शहनाई बजाने वालों के मुंह में पानी आ जाए और वो शाहनाई ना बजा पाएं. इस पर शहनाईवादक नाराज होकर मोदी के पीछे भी भागते थे. पीएम मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि शरारतों से ही बच्चे का विकास होता है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो