भोपाल जेल ब्रेक के बाद प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी के 8 आतंकियों के एनकाउंटर में मारे जाने को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस सवालों के घेरे में है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि जब मुठभेड़ होती है तो पुलिस के पास गोली चलाने का कोई विकल्प नहीं होता।
हालांकि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम ने एनकाउंटर को लेकर गंभीर सवाल करते हुए मामले की जांच कराए जाने की मांग की है। एनकाउंटर के वीडियो में सिमी के 5 आतंकी पहाड़ की एक चोटी पर दिखाई दे रहे हैं। पुलिस ने उन्हें चारों तरफ से घेर रखा है।
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वीडियो में सिमी के कथित आतंकियों के पास कोई हथियार नहीं दिख रहा है। पुलिस भी वायरलेस पर कहती हुई सुनी जा रही है कि पहाड़ पर खड़े पांच आतंकी उनसे बात करने की कोशिश कर रहे हैं वहीं तीन आतंकी पहाड़ के पीछे छिपे हुए है। वीडियो में जेल से भागे इन कथित आतंकियों पर पुलिस ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें आठों आतंकी मारे जाते हैं। न्यूज स्टेट इन वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।
देर शाम मध्य प्रदेश पुलिस ने एऩकाउंटर को लेकर सफाई दी। भोपाल के आईजी योगेश चौधरी ने कहा, 'पुलिस ने जवाबी फायरिंग की।' उन्होंने कहा कि सिमी के आतंकी रात के करीब 2-3 बजे के बीच फरार हुए और पुलिस को 10 बजे इनकी सूचना मिली।
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चौधरी ने कहा कि मौके से 4 कट्टा और तीन चाकू मिले हैं और पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में 45 राउंड फायरिंग की। उन्होंने कहा, 'मुठभेड़ में पुलिस के कुछ जवानों को भी चोटें आई हैं।'
उन्होंने कहा कि आतंकियों के पास कोई मोबाइल फोन नहीं मिला। एनकाउंटर पर पुलिस की पीठ थपथपाते हुए चौधरी ने कहा कि हम इस बात की जांज करेंगे कि उन्हें हथियार कहां से मिले। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं।
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वहीं एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदद्दीन ओवैसी ने भोपाल में सिमी के आठों आतंकी के मुठभेड़ में मारे जाने के मामले की सुप्रीम कोर्ट से जांच कराए जाने की मांग की है।
मुठभेड़ पर सवाल उठने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने जेल ब्रेक की घटना की एऩआईए से जांच कराए जाने की सिफारिश की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल जेल ब्रेक की घटना की जांच एऩआईए से कराए जाने की घोषणा की है।
Source : News Nation Bureau