अयोध्या भूमि विवाद: राजीव धवन ने कहा-हिंदू तालिबान ने तोड़ी बाबरी मस्जिद

इस मामले पर बोलते हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के बोलने का कोई मतलब नहीं है। जिस तरह तालिबान ने बामियान को ढहाया था, उसी तरह हिंदू तालिबान ने बाबरी मस्जिद को ढहाया था।

author-image
sankalp thakur
एडिट
New Update
अयोध्या भूमि विवाद: राजीव धवन ने कहा-हिंदू तालिबान ने तोड़ी बाबरी मस्जिद

बाबरी मस्जिद मसले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष ने अपनी बात रखी। इस मामले पर बोलते हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के बोलने का कोई मतलब नहीं है। जिस तरह तालिबान ने बामियान को ढहाया था, उसी तरह हिंदू तालिबान ने बाबरी मस्जिद को ढहाया था।

Advertisment

वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ को बताया, 'जिस प्रकार अफगान तालिबान ने बामियान बुद्ध की प्रतिमा तोड़ी, उसी प्रकार हिंदू तालिबान ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया।'

धवन ने कहा, 'किसी मत को मजिस्द ध्वस्त करने का अधिकार नहीं है।' उन्होंने यह बात हिंदू पक्षकार की दलील का विरोध करते हुए कही।

धवन ने कहा, 'यह दलील नहीं होनी चाहिए कि इसमें कोई इक्वि टी नहीं और एक बार इसे ध्वस्त किए जाने के बाद इसपर फैसला करने के लिए कुछ बचा ही नहीं है।'

उन्होंने दलील में आगे कहा कि शीर्ष अदालत ने अपने 1994 के फैसले में कहा था कि नमाज अदा करना इस्लाम की आवश्यक प्रथा नहीं है, इसपर दोबारा विचार करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, 'आवश्यक प्रथा का सवाल शीर्ष अदालत की पीठ के समक्ष 1994 के मामले से बिल्कुल अगल है।'

क्या कहा शिया वक्फ बोर्ड ने

अयोध्या भूमि विवाद को लेकर केंद्रीय शिया वक्फ बोर्ड ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वास्तव में विवादित भूमि में मुसलमानों के शेयर का असल दावेदार वही हैं क्योंकि बाबरी मस्जिद मीर बाकी ने बनवाई थी, जो एक शिया थे।

शिया वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में कहा कि वह इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा मुसलमानों को दी गई एक तिहाई भूमि दान करना चाहते हैं जिससे कि वहां राम मंदिर बनाया जा सके।

अयोध्या भूमि विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई अब 20 जुलाई को होगी। शिया बोर्ड ने कहा, 'देश में एकता, शांति और सद्भावना के लिए वो विवादित जमीन के मुस्लिम वाले हिस्से को राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को देने के लिए तैयार है।'

शिया बोर्ड ने कहा, 'बाबरी मस्जिद का संरक्षक शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड है। कोई अन्य भारत में मुस्लिमों का प्रतिनिधि नहीं है।'

बता दें शीर्ष अदालत में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में विवादित 2.77 एकड़ भूमि को निर्मोही अखाड़ा, भगवान राम और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बांट दिया था।

और पढ़ें: पाकिस्तान: मस्टंग बम धमाके में मरने वाले की संख्या बढ़कर हुई 90, 180 लोग घायल

Source : News Nation Bureau

babri-masjid Rajiv Dhawan
      
Advertisment