सरकार और न्यायपालिका के बीच खींचतान जारी, सरकार चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बातों से सहमत नहीं

जजों की नियुक्ति को लेकर चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने शनिवार को कहा कि देश भर के कई हाई कोर्ट में जजों की भारी कमी है।

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vineet kumar
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सरकार और न्यायपालिका के बीच खींचतान जारी, सरकार चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बातों से सहमत नहीं

जजों की नियुक्ति के मसले पर फिर सख्त हुए टीएस ठाकुर (File Photo)

सरकार और न्यापालिका के बीच खींचतान जारी है। जजों की नियुक्ति को लेकर चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने शनिवार को कहा कि देश भर के कई हाई कोर्ट में जजों की भारी कमी है।

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वहीं दूसरी ओर, कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद चीफ जस्टिस के इन आरोपों से सहमत नहीं हैं और कहा कि सरकार ने इस साल 120 जजों की नियुक्ति की है।

दिल्ली में ऑल इंडिया एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए टीएस ठाकुर ने कहा, 'हाई कोर्ट में 500 जजों के पद खाली हैं। सरकार को अभी इस संबंध में काम करना चाहिए लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे। आज भारत में कई कोर्ट रूम खाली हैं और वहां कोई जज नहीं हैं। कई प्रोपोजल पेंडिंग हैं, हम उम्मीद करते हैं सरकार इसमें हस्तक्षेप करेगी।'

हालांकि, चीफ जस्टिस से असहमति जताते हुए कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने इस साल 120 जजों की नियुक्ति की है, जो 1990 के बाद सबसे अधिक है। रवि शंकर प्रसाद के मुताबिक सबसे ज्यादा 121 जजों की नियुक्ति 2013 में हुई थी।

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रवि शंकार प्रसाद ने कहा, 'हम पूरे सम्मान के साथ चीफ जस्टिस के विचारों से असहमति व्यक्त करते हैं। इस साल हमने 120 जजों की नियुक्ति की। इससे पहले 2013 में सबसे ज्यादा 121 जजों की नियुक्ति हुई थी। साल 1990 के बाद केवल 80 नियुक्तियां हुई हैं। निचली अदालतों में 5,000 पद खाली हैं जिसका भारत सरकार से कोई लेना देना नहीं है। उसकी जिम्मेदारी न्यायपालिका की है।'

साथ ही रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'जहां तक इंफ्रास्ट्रक्चर की बात है, यह लगातार जारी रहने वाली प्रक्रिया है।'

चीफ जस्टिस ने ट्रिब्यूनल में भी लोगों की कमी का मुद्दा उठाया। टीएस ठाकुर ने कहा, 'अगर किसी ट्रिब्यूनल में 65 लोग हैं और उसमें भी 18 से 20 लोगों की कमी है तो इसका मतलब है कि बड़ी संख्या में पद खाली हैं। इससे निश्चित रूप से काम प्रभावित होगा और यही कारण हैं कि आपके पास पांच या सात साल पुराने मामले लंबित रहते हैं। सरकार को कम से कम यह जरूर सुनिश्चित करना चाहिए कि ये ट्रिब्यूनल अपनी पूरी क्षमता के अनुसार काम करें।'

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टीएस ठाकुर ने साथ ही कहा कि अब यह स्थिति आ गई है कि कोई रिटायर जज ट्रिब्यूनल का नेतृत्व नहीं करना चाहता। मुझे भी अपने रिटार्यड साथियों को जिम्मेदारी सौंपते हुए पीड़ा होती है। सरकार जरूरी सुविधाएं देने के लिए तैयार नहीं है। पदों के खाली रहने के अलावा ट्रिब्यूनल के लिए आधारभूत सुविधाएं भी चिंता का विषय हैं।

HIGHLIGHTS

  • चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा, हाई कोर्ट में 500 से ज्यादा पद खाली
  • कानून मंत्री ने जताई असहमति, इस साल हुई 120 जजों की नियुक्ति

Source : News Nation Bureau

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