Three Criminal Laws: ‘गृहमंत्री शाह ने करीब 150 बैठकें की, व्यापक चर्चा की गई’, काननू मंत्री मेघवाल ने दी जानकारी

एक जुलाई से भारत में तीन नए आपराधिक कानून लागू होंगे. इसे 25 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली. कानून मंत्री ने बताया कि गृहमंत्री शाह ने इसके लिए व्यापक चर्चाएं की.

एक जुलाई से भारत में तीन नए आपराधिक कानून लागू होंगे. इसे 25 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली. कानून मंत्री ने बताया कि गृहमंत्री शाह ने इसके लिए व्यापक चर्चाएं की.

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Three Criminal Laws

Three Criminal Laws ( Photo Credit : Freepik)

Three Criminal Laws: एक जुलाई से देश में तीन आपराधिक लागू होने वाले हैं. इसके बाद आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य संहिता ले लेंगे. कुछ विपक्षी नेताओं की मांग है कि तीनों नए कानूनों को एक जुलाई के बाद लागू किया जाए. इस बीच गुरुवार को कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने से पहले एक संसदीय स्थायी समिति के साथ विस्तार से चर्चा की गई थी. विधि आयोग की कई रिपोर्टें हैं और गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने भी संशोधन की आवश्यकताओं के बारे में सिफारिश की है. 

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उन्होंने आगे कहा कि इन सबके बाद 2019 में तीन कानून का प्रस्ताव आया. इस पर परामर्श लिए गए. गृहमंत्रालय ने सभी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों और भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा. सभी राज्यों की सरकारों, लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को भी पत्र लिखा गया.  कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों, बार एसोसिएशनों और बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी सझाव दिए. सभी ने संशोधन के लिए सहमति व्यक्त की. 

25 दिसंबर को राष्ट्रपति ने इस पर हस्ताक्षर किए
कानून मंत्री ने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह ने इसके लिए करीब 50 बैठकें की. उन्होंने करीब 100 अनौपचारिक बैठकें भी की. बिल को संसद में जब पेश किया गया तो इसे एक समिति के पास भेजने के लिए कहा गया. हमने इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजा. इस पर दोबारा व्यापक परामर्श किया गया. तीनों कानूनों को 21 दिसंबर को संसद से कानून की मंजूरी मिली. राष्ट्रपति मुर्मू ने 25 दिसंबर को इस पर अपने हस्ताक्षर किए. गृह मंत्रालय की अधिसूचनाओं के अनुसार, अब एक जुलाई को इन्हें लागू किया जाएगा.

कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने भी कसी कमर
बता दें, कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली है. देश भर में 5.65 लाख से अधिक पुलिस, जेल, फोरेंसिक, न्यायिक अभियोजन अधिकारियों को आपराधिक कानूनों में प्रशिक्षित किया गया है. इसके अलावा, 40 लाख जमीनी स्तर के अधिकारियों को विभिन्न मंत्रालयों ने वेबिनार के माध्यम से कानूनों की जानकारी दी है. इन लोगों की जिम्मेदारी है कि भारत के सभी नागरिक को नए कानून की जानकारी दे सकें.

Source : News Nation Bureau

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