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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद
देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने को लेकर बहस जारी है। सभी बड़े राजनीतिक दलों के साथ विधि आयोग (लॉ कमीशन) पीएम मोदी के 'वन नेशन वन इलेक्शन' योजना पर विचार-विमर्श करने जा रही है।
लॉ कमीशन ने इस पर 7-8 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। पिछली बार इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी।
किसी भी राजनीतिक पार्टी ने चुनाव एक साथ करने पर लॉ कमीशन के कार्य पत्र का जवाब नहीं दिया था।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि बार-बार चुनाव होने के कारण जनता का काफी पैसा काफी इस पर खर्च होता है। चुनाव के दौरान अधिकारियों की पोस्टिंग से शासन व्यवस्था भी प्रभावित होती है।
एक राष्ट्र एक चुनाव पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हमारा लोकतंत्र 70 साल पुराना है चुनावी प्रक्रिया में स्थिरता होनी चाहिए। लॉ कमीशन की सिफारिशों का इंतज़ार करना चाहिए।
Frequent elections lead to expenditure of public money, posting of officers from outside & governance suffers. Our democracy is 70 years old there should be some stability in electoral process. Let's await recommendations of law commission: RS Prasad on 'one nation-one election' pic.twitter.com/DYhTHDN85o
— ANI (@ANI) July 3, 2018
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सरकार की 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की अवधारणा को आकार देने की कोशिश करते हुए विधि आयोग ने लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की थी।
आयोग ने चुनाव को 2019 से चुनाव दो चरणों में कराने के सुझाव दिए। दस्तावेज में कहा गया था कि 2024 में दूसरे चरण का चुनाव एक साथ हो सकता है। दस्तावेज में संविधान और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी दिया गया है।
बीजेपी, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम), टीएमसी, बीएसपी और एनसीपी चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टियां हैं।
बता दें कि देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने को लेकर समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि वह भी इसके लिए तैयार है।
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Source : News Nation Bureau