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लॉ कमीशन ने ट्रिपल तलाक और समान नागरिक संहिता पर लोगों से मांगी राय

ट्रिपल तलाक और समान नागरिक संहिता के मसले पर विधि आयोग ने लोगों से राय मांगी है। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता पर भी विधि आयोग ने परिवार कानूनों की सीमक्षा और उनमें सुधार के संबंध में लोगों से राय मांगी है।

Updated on: 07 Oct 2016, 11:34 PM

नई दिल्ली:

ट्रिपल तलाक और समान नागरिक संहिता के मसले पर विधि आयोग ने लोगों से राय मांगी है। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता पर भी विधि आयोग ने परिवार कानूनों की सीमक्षा और उनमें सुधार के संबंध में लोगों से राय मांगी है। 

विधि आयोग ने जिन बिन्दुओं पर सलाह मांगी है वो इस प्रकार हैं:

# आयोग ने पूछा है कि क्या मौजूदा पर्सनल लॉ और प्रचलित रीतियों का कोडीफिकेशन करने की जरूरत है और क्या इससे लोगों को फायदा होगा।

# आयोग ने ये भी पूछा है कि क्या ट्रिपल तलाक का चलन खत्म कर देना चाहिए या इसे बरकरार रखा जाना चाहिए या इसमें उचित संशोधन कर इसे बरकरार रखा जाना चाहिए। ये भी पूछा है कि क्या समान नागरिक संहिता वैकल्पिक होनी चाहिए।

# क्या समान नागरिक संहिता में तलाक, शादी, गोद लेने, बच्चों की कस्टडी, उत्तराधिकार और पैतृक धन जैसे विषयों को भी शामिल किया जाना चाहिए।

# आयोग ने लोगों से ये भी पूछा है कि क्या समान नागरिक संहिता से किसी व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन होगा।

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बीएस चौहान ने कहा, उम्मीद है कि आयोग समान नागरिक संहिता के औचित्य पर स्वस्थ चर्चा की शुरुआत कर पाएगा।

उन्होंने अपील में कहा कि परिवार कानूनों में सुधार के तहत महिलाओं के अधिकारों को संवैधानिक प्रावधान, धार्मिक अधिकार एवं राजनीतिक वाद-विवाद के बजाय अपने आप में उद्देश्य समझा जाना चाहिए। सरकार ने जून में विधि आयोग से कहा था कि वह समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर विचार करे।