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देशभर में ट्रिपल तलाक पर जारी बहस के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा है कि हमें केंद्र का फैसला मंजूर नहीं है। हम इसका विरोध करेंगे। केंद्र सरकार ने हाल ही में ट्रिपल तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सवाल उठाते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के हजरत मौलाना वली रहमान ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड भारत के लिए ठीक नहीं है। बोर्ड ने कहा, 'मुस्लिम भारत की आजादी की लड़ाई में बराबर के भागीदार रहे हैं। लेकिन उनकी भूमिका को हमेशा कम कर के देखा जाता है।'
Muslims equally participated in India’s freedom struggle, but their participation is always underestimated: Muslim Personal Law Board pic.twitter.com/XINP1Obfwf
— ANI (@ANI_news) October 13, 2016
Uniform Civil Code is not good for this nation. There're so many cultures in this nation, have to be respected: Muslim Personal Law Board pic.twitter.com/TNXFUfCzKF
— ANI (@ANI_news) October 13, 2016
यूनिफॉर्म सिविल कोड को गलत बताते हुए बोर्ड ने कहा कि हम एक ऐसे देश में रह रहे हैं, जो संविधान से चलता है और वही संविधान हमें जिंदगी जीने और हमारी धार्मिक मान्यताओं को मानने का अधिकार देता है।
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We are living in this country with an agreement held by the constitution. Constitution has made us live & practice our religion: MPLB pic.twitter.com/rU0xwbrDGI
— ANI (@ANI_news) October 13, 2016
बोर्ड ने कहा कि कॉमन सिविल कोड इस देश के लिए इस लिहाज से ठीक नहीं है क्योंकि यहां कई सारी संस्कृतियां साथ रहती हैं और उनका आदर किया जाना चाहिए।
आपको बता दें की मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर चुका है। हलफनामे में कहा है कि पर्सनल लॉ को सामाजिक सुधार पर दोबारा से नहीं लिखा जा सकता। तलाक की वैधता सुप्रीम कोर्ट तय नहीं कर सकता।
गौरतलब है कि शाह बानो सहित कई महिलाओं ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया है।
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Source : News Nation Bureau