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धार्मिक मामलों में दखल है यूनिफॉर्म सिविल कोडः मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

देशभर में ट्रिपल तलाक पर जारी बहस के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा है कि हमें केंद्र का फैसला मंजूर नहीं है।

Updated on: 13 Oct 2016, 05:23 PM

नई दिल्ली:

देशभर में ट्रिपल तलाक पर जारी बहस के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा है कि हमें केंद्र का फैसला मंजूर नहीं है। हम इसका विरोध करेंगे। केंद्र सरकार ने हाल ही में ट्रिपल तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सवाल उठाते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के हजरत मौलाना वली रहमान ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड भारत के लिए ठीक नहीं है। बोर्ड ने कहा, 'मुस्लिम भारत की आजादी की लड़ाई में बराबर के भागीदार रहे हैं। लेकिन उनकी भूमिका को हमेशा कम कर के देखा जाता है।'

यूनिफॉर्म सिविल कोड को गलत बताते हुए बोर्ड ने कहा कि हम एक ऐसे देश में रह रहे हैं, जो संविधान से चलता है और वही संविधान हमें जिंदगी जीने और हमारी धार्मिक मान्यताओं को मानने का अधिकार देता है।

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बोर्ड ने कहा कि कॉमन सिविल कोड इस देश के लिए इस लिहाज से ठीक नहीं है क्योंकि यहां कई सारी संस्कृतियां साथ रहती हैं और उनका आदर किया जाना चाहिए।

आपको बता दें की मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर चुका है। हलफनामे में कहा है कि पर्सनल लॉ को सामाजिक सुधार पर दोबारा से नहीं लिखा जा सकता। तलाक की वैधता सुप्रीम कोर्ट तय नहीं कर सकता।

गौरतलब है कि शाह बानो सहित कई महिलाओं ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया है।

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