राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौधरी लौटन राम निषाद ने बीजेपी पर पिछड़ों व दलितों को छल-कपट व झूठ-फरेब की राजनीति कर भ्रमित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यहां रविवार को कहा कि रामनाथ कोविंद को राजग की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद बीजेपी व आरएसएस के इशारे पर कुछ इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया रामनाथ कोविंद की जाति को 'कोरी' की बजाय 'कोली' प्रसारित कर रहे हैं, जो अनुचित है।
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निषाद ने अपने जारी बयान में कहा कि रामनाथ कोविंद कोरी जाति के हैं, जो जुलाहा होते हैं और महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, ओड़िशा, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश में पाया जाना वाला कोली मछुआरा होता है। बीजेपी जरूरत के मुताबिक कोविंद को कहीं दलित तो कहीं पिछड़े वर्ग का बता रही है।
गुजरात में 24.12 प्रतिशत, महाराष्ट्र में लगभग 16 प्रतिशत व राजस्थान व अन्य राज्यों में 3 से 5 प्रतिशत आबादी मत्स्यकर्मी मछुआरों की है। उन्होंने कहा कि रामनाथ कोविंद मछुआरा समाज के घोर विरोधी हैं।
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उन्होंने कहा कि बीजेपी व आरएसएस ने पिछड़ों व दलितों को शिकार बनाने के लिए कोविंद को 'चारा' के रूप में राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। उनका मूल मकसद कोली व मछुआरा (निषाद) समुदाय को भ्रमित करना है।
निषाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी को 'पिछड़ा' बताकर बीजेपी ने लोकसभा व विधानसभा चुनावों में राजनैतिक लाभ उठाया और फिर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पिछड़ों व दलितों को बेवकूफ बनाने के षड्यंत्र में जुटी हुई है।
Source : IANS