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भाषा जरूरत पर आधारित होती है, थोपने पर नहीं: गीतकार वैरामुथु

भाषा जरूरत पर आधारित होती है, थोपने पर नहीं: गीतकार वैरामुथु

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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सात बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गीतकार वैरामुथु ने शनिवार को कहा कि भाषा एक ऐसी चीज है, जो केवल जरूरत पर आधारित होती है, थोपने पर नहीं।

ट्विटर पर वैरामुथु ने तमिल में इस मुद्दे पर अपने विचार लिखे।

अपने 40 साल के करियर में 7,500 से अधिक गाने और कविताएं लिखने वाले वरिष्ठ गीतकार ने कहा कि उत्तर की यात्रा करने वाले तमिल लोग वहां रहने के लिए हिंदी सीख सकते हैं और यहां रहने के लिए उत्तर से दक्षिण की यात्रा करने वाले तमिल सीख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भाषा ऐसी है, जो केवल आवश्यकता पर आधारित है, ना कि थोपने पर।

कवि और गीतकार ने आगे बताया कि उत्तरी भाषा के प्रभुत्व के कारण उन्होंने भूमि और जीवन शैली दोनों में बहुत कुछ खो दिया है।

वैरामुथु की टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उस टिप्पणी के मद्देनजर आई है, जिसमें संसदीय राजभाषा समिति की बैठक के दौरान हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।

गृह मंत्री के इस बयान से देश के दक्षिणी राज्यों में चिंता पैदा हो गई है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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