भूस्खलन : विकास की भेंट चढ़ते पहाड़ों पर प्रकृति की विनाश लीला

पर्वतीय क्षेत्रों में निर्माण कार्य और भारी बारिश से पहाड़ों से चट्टानों की घटनाएं हर साल बढ़ती जा रही हैं। भूस्खलन से सबसे अधिक नुकसान विकासशील देशों में हो रहा है।

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Pradeep Singh
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पहाड़ों में भूस्खलन( Photo Credit : News Nation)

मानसून में देश के पहाड़ी राज्यों में पहाड़ों से चट्टानों के खिसकने से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। साल दर साल भूस्खलन से सैकड़ों लोगों मौत के मुंह में समा जाते हैं तो वहीं करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। दरअसल, आधुनिक विकास कार्यों के चलते पहाड़ी अंचलों में होने वाले खनन, जंगलों की कटाई और पनबिजली योजनाओं से पहाड़ की पारिस्थितिकी प्रभावित हुई है। जिससे हर वर्ष प्रकृति का यह कहर मानवता को भारी कीमत देकर चुकानी पड़ रही है। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निगुलसेरी नेशनल हाईवे-पांच पर चील जंगल के पास चट्टानें गिरने से एक दर्दनाक हादसे में एक यात्री बस और दो कारें चपेट में आ गई हैं। जिसमें एक व्यक्ति के मारे जाने और करीब 30 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

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यह भी पढ़ें :किन्नौर में भूस्खलन की चपेट में आई बस, अमित शाह ने हिमाचल के सीएम से की बात (लीड-1)

हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में पिछले दिनों कई बार भूस्खलन की घटनाएं देखने को मिली हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में निर्माण कार्य और भारी बारिश से पहाड़ों से चट्टानों की घटनाएं हर साल बढ़ती जा रही हैं। भूस्खलन से सबसे अधिक नुकसान विकासशील देशों में हो रहा है। पिछले कुछ समय से दुनिया भर में इसके कारण होने वाले नुकसान के संबंध में चर्चा की जा रही है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। रेल सेवाएं, हाईवे समेत कई सड़क मार्ग बंद हो जाते हैं और कई बार नदियां अपना रास्ता बदल लेती हैं। भूस्खलन के कारण भारत को हर साल 150-200 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

पिछले चार सालों में होने वाली भूस्खलन की बड़ी घटनाएं :  

25 जुलाई 2021: हिमाचल में भूस्खलन से नौ पर्यटकों की मौत 
25 जुलाई 2021: महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण हुई भूस्खलन की घटनाओं में 89 लोगों की मौत
6 अगस्त 2020-केरल के इडुक्की जिले में अन्नामलाई की पहाड़ियों में भूस्खलन से 70 लोगों की मौत
29 जुलाई उत्तराखंड: पिथौरागढ़ में भूस्खलन, ऋषिकेश-गंगोत्री मार्ग पर बड़े चट्टानों के गिरने से कांवड़ियों को लेकर जा रही गाड़ी भूस्खलन की चपेट में आने से चार कावड़ियों की मौत
10 मार्च 2018: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में आए भूस्खलन में 106 घरों में रहने वाले 400 लोग हुए थे प्रभावित

HIGHLIGHTS

  • भूस्खलन के कारण भारत को हर साल 150-200 करोड़ रुपये का हो रहा है नुकसान 
     
  • खनन, जंगलों की कटाई और पनबिजली योजनाओं से पहाड़ को हो रहा नुकसान
  • पहाड़ी राज्यों में बढ़ रही हैं भूस्खलन एवं प्रकृतिक आपदा की घटनाएं
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