चारा घोटाला में सज़ा पाने के बाद सामने आई लालू की चिट्ठी, कहा-मेरे लिए सत्ता, सच के संघर्ष का रास्ता है

चारा घोटाला के एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजे़डी) प्रमुख लालू यादव को सज़ा सुनाने के बाद उनके बेटे और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जेल से बिहार की जनता के लिए लिखी उनकी चिट्ठी को सामने रखा।

चारा घोटाला के एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजे़डी) प्रमुख लालू यादव को सज़ा सुनाने के बाद उनके बेटे और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जेल से बिहार की जनता के लिए लिखी उनकी चिट्ठी को सामने रखा।

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Deepak Kumar
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चारा घोटाला में सज़ा पाने के बाद सामने आई लालू की चिट्ठी, कहा-मेरे लिए सत्ता, सच के संघर्ष का रास्ता है

चारा घोटाला के एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजे़डी) प्रमुख लालू यादव को सज़ा सुनाने के बाद उनके बेटे और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जेल से बिहार की जनता के लिए लिखी उनकी चिट्ठी को सामने रखा।

उन्होंने इस चिट्ठी को ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर किया है।

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इस ट्वीट में चिट्ठी के कवर पेज पर एक संदेश लिखा है, 'जब तक सांस है चलूंगा, लड़ूंगा, जीतूंगा। रोशन करने को बिहार, ख़ुद ही जलूंगा।' 

चारा घोटाला के दूसरे मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख रुपये का जुर्माना

बिहार की जनता के नाम लालू यादव के इस संदेश में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए लिखा है, 'मेरा जीवन बचपन से ही काफी संघर्ष भरा रहा। मुझे वो सारे क्षण याद आ रहे हैं जब देश में गांव, ग़रीब, पिछड़े, शोषित, वंचित और अलपसंख्यकों की लड़ाई लड़ना कितना कठिन था। वो ताक़तें जो सौकड़ों साल से इन्हें शोषित करती चली आ रही थी वो कभी नहीं चाहते थे कि वंचित वर्गों के हिस्से का सूरज भी कभी जगमगाए। लेकिन पीड़ितों की पीड़ा और सामूहिक संघर्ष ने मुझे अद्भुत ताक़त दी और इसी कारण से हमने सामंती सत्ता के हज़ारों साल के उत्पीड़न को शिकस्त दी।' 

उन्होंने आगे लिखा, 'लालू के लिए सत्ता सच के लिए संघर्ष का रास्ता है इसलिए हमारे लिए जनता ही जनार्दन है और उनकी बेहतर ज़िदंगी ही हमारा ध्येय है ना कि कुर्सी। यही वजह है कि आडवाणी का रथ रोकते हुए मैनें सत्ता नहीं देखी। मेरे ज़मीर ने कहा कि ये रथ बिहार के भाईचारे को कुचलता है, तो रोक दिया रथ।'

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लालू यादव के ख़त में उनकी राजनीतिक जीवन के दौरान की परेशानियों का ज़िक्र करते हुए लिखा गया है, 'कितना कुछ खेल खेला है इन मनुवादियों ने। सीबीआई पीछे लगाई, मेरे परिवार को घसीटा गया, मुझे अरेस्ट करने के लिए आर्मी तक बुलावा भेजा। मेरे नादान बच्चों पर मुक़दमा कर उन्हें प्रताड़ित कर उनका मनोबल तोड़ने का कुचक्र रचा, देश के सभी एजेंसियों के छापे, चूल्हे से लेकर तबले तक को झाड़-पोछकर खोजबीन की। लेकिन मेरे चेहरे पर सिकन तक नहीं आई। क्योंकि जिसके पास करोड़ों ग़रीबो की मोहब्बत हो उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।'

बता दें कि आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद को चारा घोटाले के एक मामले में शनिवार को साढ़े तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई। इसके अलावा 5 लाख़ का जुर्माना भी लगाया गया है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने सजा की अवधि पर बहस पूरी होने के बाद उन्हें सजा सुनाई। अदालत ने गत वर्ष 23 दिसंबर को इस घोटाले के संबंध में लालू प्रसाद और 15 अन्य को दोषी करार दिया था।

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Source : News Nation Bureau

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