बिहार में सत्ताधारी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू यादव ने नोटबंदी के एक महीने पूरे होने पर पीएम नरेंद्र मोदी पर फैसले को लेकर हमला बोला है।
लालू ने मोदी से सवालिया लहजे में कहा कि नोटबंदी के 30 दिन बीत चुके हैं, स्थिति सामान्य नहीं हुई तो 50 दिन बीतने पर वादे के मुताबिक क्या मोदी प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देंगे या मुंह छिपाते फिरेंगे?
PM के 50 दिन के मोहलत में 22 दिन बाकी हैं। 50 दिन बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई तो क्या मोदी जी इस्तीफा देंगे या मुँह छुपाते घूमेंगे?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने गुरुवार को लगातार छह ट्वीट कर नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए लिखा, "भागते भूत की लंगोटी भली। नोटबंदी में मिट्टी पलीत होते देख प्रधानमंत्री कालाधन का आलाप त्याग, अब 'कैशलेस' के पल्लू में छुप रहे हैं।"
भागते भूत की लँगोटी भली।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
नोटबन्दी में मिट्टी पलीत होते देख PM काला धन का आलाप त्याग, अब #CashlessEconomy के पल्लू में छुप रहे हैं।
प्रधानमंत्री के नसीहत देते हुए लालू ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "मोदी जी, देश महानगरों से ही नहीं बना है। आपका यह अर्थव्यवस्था पर थोपा घातक प्रयोग गांवों में अन्न, जीवन, मौत और भविष्य का प्रश्न बन गया है।"
मोदी जी, देश महानगरों से ही नहीं बना है।आपका यह अर्थव्यवस्था पर थोपा घातक प्रयोग गाँवों में अन्न,जीवन, मृत्यु, भविष्य का प्रश्न बन गया है।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
उन्होंने सरकार के पास गांवों की समझ न होने का आरोप लगाते हुए एक अन्य ट्वीट में लिखा, "न प्रधानमंत्री, न उनके मंत्री, न आर्थिक सलाहकारों या नीति आयोग को गांवों की समझ है। ग्रामीणों की व्यथा को समझना तो बहुत दूर की कौड़ी होगी।"
ना प्रधानमंत्री,ना उनके मंत्री,ना आर्थिक सलाहकारों या नीति आयोग को गाँवों की समझ है। ग्रामीणों की व्यथा को समझना तो बहुत दूर की कौड़ी होगी।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
लालू यहीं नहीं रुके, उन्होंने एक अन्य ट्वीट में नोटबंदी से देश में 90 लोगों के मरने का दावा करते हुए कहा, "जो 90 लोग प्रत्यक्ष रूप से नोटबंदी की भेंट चढ़ गए वे क्या गैर मुल्क के थे? उनके परिवार का भार कौन लेगा? प्रधानमंत्री के पास उनके लिए समय और शब्द भी नहीं है?
जो 90लोग प्रत्यक्ष रूप से नोटबन्दी की भेंट चढ़ गए वे क्या गैर मुल्क़ी थे? उनके परिवार का भार कौन लेगा? PM के पास उनके लिए समय/शब्द भी नहीं?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
मोदी जी जानते हैं कि बमुश्किल 20 फीसदी भारतीय ही 'कैशलेस ट्रांजेक्शन' करने की स्थिति में है? ये बस नोटबंदी के दलदल से ध्यान हटाने का जुमला है।"