कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को बोगतुई हत्याकांड के मुख्य आरोपी लालन शेख की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर असंतोष जताया, जिसकी 12 दिसंबर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में रहस्यमय हालात में मौत हो गई थी।
न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल न्यायाधीश की पीठ ने राज्य सरकार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)-नई दिल्ली के साथ-साथ कोलकाता में एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को संबंधित टिप्पणियों के लिए भेजने का निर्देश दिया।
पहले सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की सामग्री पर संदेह व्यक्त किया था, यह तर्क देते हुए कि हालांकि शव परीक्षण से पहले पीड़ित के शरीर पर कोई घाव नहीं पाया गया था। जांच रिपोर्ट में शरीर पर कुछ सतही चोट के निशान का उल्लेख किया गया था।
हालांकि केंद्रीय एजेंसी के वकील ने भी लालन शेख के शव के दूसरे पोस्टमार्टम के पक्ष में तर्क दिया, लेकिन लालन की पत्नी रेशमा बीवी की आपत्तियों के बाद ऐसा नहीं किया जा सका।
ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने मौजूदा पोस्टमार्टम रिपोर्ट दो चिकित्सा संस्थानों को भेजने का निर्णय लिया। उन्होंने यह भी देखा कि एसएसके और एम्स, दिल्ली के विशेषज्ञों की टिप्पणियों के बाद वह इस मामले में अगले कदम के बारे में फैसला करेंगे।
सीबीआई ने पहले ही कलकत्ता हाईकोर्ट में राज्य पुलिस की प्राथमिकी को चुनौती दी है, यह दावा करते हुए कि यह राजनीति से प्रेरित है, क्योंकि इसमें पशु-तस्करी घोटाले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य का नाम है और बोगतुई नरसंहार की जांच कर रही अलग केंद्रीय एजेंसी टीम से इसका कोई संबंध नहीं है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS