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पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी (फाइल फोटो- पीटीआई)
अटल बिहारी वाजपेयी 93 साल की उम्र में अपने शरीर को त्याग कर अनंत की यात्रा पर निकल गए। उनके जाने से देश भर में शोक की लहर फैल गई है। अटल बिहारी वाजपेयी के खास दोस्त और सहयोगी रहे लाल कृष्ण आडवाणी ने अपने मित्र के निधन पर गहरा शोक जताया है।
पूर्व उपप्रधानमंत्री आडवाणी ने कहा,' आज मेरे पास अपने दुख को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। भारत के सबसे बड़े राजनेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी को हमने खो दिया है। मेरे लिए, अटलजी एक वरिष्ठ साथी से भी बढ़कर थे- वास्तव में वह 65 साल से भी ज्यादा समय तक मेरे सबसे करीबी मित्र रहे।'
I am at a loss of words to express my deep grief and sadness today as we all mourn the passing away of one of India’s tallest statesmen, #AtalBihariVajpayee. To me, Atalji was more than a senior colleague- in fact he was my closest friend for over 65 years: LK Advani pic.twitter.com/Yom2hk4Dl9
— ANI (@ANI) August 16, 2018
पुराने दिनों को याद करते हुए आडवाणी ने कहा,' मैने वाजपेयी के साथ लंबे जुड़ाव की यादें संजोकर रखी हैं- आरएसएस(RSS) के प्रचारक के तौर पर हमारे दिनों से, भारतीय जन संघ की स्थापना, आपातकाल के दौरान हमारा संघर्ष, आगे जनता पार्टी का बनना और बाद में 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना तक।'
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की जोड़ी को राम-लखन की जोड़ी कहा जाता था। राजनीति में ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब दोस्ती आजीवन बनी रहती है।
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Source : News Nation Bureau
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