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जयंती विशेष : कभी लाल बहादुर शास्त्री अपनी पत्नी के खिलाफ बैठे थे धरने पर, जानें उनकी खास बातें

2 अक्टूबर को सिर्फ गांधी के जन्मदिन के लिए नहीं बल्कि लाल बहादुर शास्त्री के लिए भी याद किया जाता है. पूरा देश आज उन्हें 114वीं जयंती पर याद कर रहा है.

Updated on: 02 Oct 2018, 09:14 AM

नई दिल्ली:

2 अक्टूबर को सिर्फ गांधी के जन्मदिन के लिए नहीं बल्कि लाल बहादुर शास्त्री के लिए भी याद किया जाता है. पूरा देश आज उन्हें 114वीं जयंती पर याद कर रहा है. देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में यूपी के चंदौली जिले के मुगलसरा में हुआ. 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक देशकी बागडोर संभालने वाले शास्त्री को परिवार में सबसे छोटा होने के कारण लोग प्यार से 'नन्हे' कहकर बुलाते थे.

लाल बहादुर शास्त्री जब 18 महीने के थे तभी उनके सर से पिता का साया उठ गया था. जिसके बाद उनकी मां राम दुलारी अपने पिता हजारीलाल के घर मिर्जापुर चली गईं. ननिहाल में रहते हुए शास्त्री जी ने प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की. वे नदी तैरकर स्कूल जाते थे.

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भारत की स्वतंत्रता में लाल बहादुर शास्त्री 17 साल की उम्र में जेल गए, लेकिन बालिग नहीं होने की वजह से उन्हें जेल से छोड़ दिया गया. इसके बाद वह सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिए 1930 में ढाई साल के लिए जेल गए. इसके बाद 1940 से लेकर 1946 तक अंग्रेजों की खिलाफत करने के जुर्म में जेल रहे.

लालू बहादुरी शास्त्री के बारे में एक किस्सा है कि जब वो जेल में थे तब उनकी पत्नी चुपके से आम लेकर आई थीं. लेकिन शास्त्री जी नाराज हो गए थे और पत्नी के खिलाफ धरने पर बैठ गए. शास्त्री जी का तर्क था कि कैदियों को जेल के बाहर की कोई चीज खाना कानून के खिलाफ है.

1964 में जब शास्त्री जी प्रधानमंत्री बने थे तब देश में अनाज की बेहद कमी थी. उत्तरी अमेरिका पर अनाज के लिए निर्भर था. 1965 में पाकिस्तान से जंग के दौरान देश में भयंकर सूखा पड़ा था. देश भर में अनाज की किल्लत को देखते हुए शास्त्री जी ने लोगों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की थी. जिसे लोगों ने माना भी था. लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान-जय किसान' का नारा दिया था. 

विजय घाट पर जाकर आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेता लालू बहादुर शास्त्री को श्रद्धासुमन अर्पित किए.

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