अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर सेनाएं कैसे चौकसी करती हैं और वहां तैनात जवान देश की खातिर कितना जोखिम उठाते हैं, इन हालातों का अनुभव कराने के लिए मध्य प्रदेश की लाडली लक्ष्मियों को मां तुझे प्रणाम योजना के तहत वाघा और हुसैनी वाला बार्डर की यात्रा पर भेजा गया है।
राज्य की युवा पीढ़ी में साहस और देश-भक्ति की भावना प्रबल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की यात्रा कराने के उद्देश्य से माँ तुझे प्रणाम योजना शुरू की गई थी, जो कोविड के कारण स्थगित रही। प्रदेश की बालिकाओं को सेामवार को पंजाब के वाघा और हुसैनीवाला बार्डर भेजकर योजना की फिर शुरूआत हुई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रवींद्र भवन भोपाल से योजना का पुन शुभारंभ किया, जिसमें 178 लाडली लक्ष्मियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 2007 से आरंभ हुई लाडली लक्ष्मी योजना से अब तक 43 लाख बेटियां लाभान्वित हुई हैं। लाडली लक्ष्मियों का भविष्य बेहतर हो, वे हर क्षेत्र में सक्रिय रहें और अपने लक्ष्य प्राप्त करें, इसके लिए आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा व्यवस्थाएं की गई हैं।
वाघा बॉर्डर जाने वाली शिवपुरी की लाडली लक्ष्मी हिमांशी झा ने कहा कि अगर हमारा नाम लाडली लक्ष्मी योजना में नहीं होता तो हम आज यहां नहीं होते। मामा शिवराज की हम लाड़ली बेटियां हैं, हम बॉर्डर पर जा कर नई चीजें सीखेंगे और नई जगह भ्रमण कर ये जानेंगे कि सरहद पर हमारे सैनिक किस तरह से देश की रक्षा में तैनात रहते हैं।
खेल व युवा कल्याण मंत्री यषोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि यात्रा पर जा रही बेटियां जलियांवाला बाग देखेंगी और स्वर्ण मंदिर के भी दर्शन करेंगी।
योजना के पुन: प्रारंभ होने पर वाघा बॉर्डर जाने वाली पहली यात्रा में भोपाल संभाग से 20, इंदौर संभाग से 31, ग्वालियर से 15, उज्जैन से 26, नर्मदापुरम से 11, शहडोल से 15, रीवा से 12, चंबल से 9, सागर से 26 और जबलपुर संभाग से 31 लाड़ली लक्ष्मी बेटियां शामिल हैं। इनके साथ खेल विभाग के 12 अधिकारी और 6 पुलिस आरक्षक भी यात्रा पर जायेंगे।
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Source : IANS