logo-image

भारत के विरोध के बाद मुकरा पाक, कहा-जाधव मामले में नहीं दी राजनयिक पहुंच

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि कुलभूषण जाधव की उनकी पत्नी व मां से मुलाकात से पहले भारत को राजनयिक पहुंच नहीं दी गई है।

Updated on: 25 Dec 2017, 08:38 PM

highlights

  • जाधव को राजनयिक पहुंच दिए जाने के मामले में अपने बयान से मुकरा पाकिस्तान
  • पाकिस्तान ने कहा कि जाधव मामले में भारत को कोई राजनयिक पहुंच नहीं दी गई है

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव की उनकी पत्नी व मां से मुलाकात से पहले भारत को जाधव के मामले में राजनयिक पहुंच नहीं दी गई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि जाधव व उनके परिवार के बीच की तय मुलाकात में भारतीय राजनयिक की मौजूदगी का मतलब भारत को राजनयिक पहुंच देना नहीं है।

इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि भारत को जाधव के मामले में राजनयिक पहुंच दी गई है, उन्होंने इसे 'रियायत' बताया था।

इससे पहले दिन में दुबई से यहां पहुंचने के बाद जाधव की मां अवंती व पत्नी विदेश कार्यालय में उनसे मिलने के लिए पहुंचीं। उन्हें मिलने के लिए 30 मिनट के समय की इजाजत दी गई। उनके साथ भारतीय उप-उच्चायुक्त जे पी सिंह भी थे।

इतना ही नहीं जाधव से उनकी पत्नी और मां की मुलाकात के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर से उनका कबूलनामा वाला वीडियो जारी किया, जिसमें वह पाकिस्तान का शुक्रिया अदा करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

और पढ़ें: पाकिस्तान की चाल, मुलाकात के बाद जाधव का एक और 'कबूलनामा' वीडियो जारी

जाधव की मां व पत्नी आज ही पाकिस्तान से रवाना हो जाएंगी। विदेश कार्यालय की तरफ जाने वाली सड़कों पर यातायात को बंद किया गया है।

पूर्व नौसेना अधिकारी से व्यापारी बने जाधव को 3 मार्च 2016 को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें आतंकवाद व जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। इस सजा पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने रोक लगाई हुई है।

भारत सरकार द्वारा लगातार मांग करने के बाद पाकिस्तान सरकार ने आखिरकार पूरी तरह से मानवीय आधार पर मां व पत्नी को जाधव से मिलने की इजाजत दी।

भारत का कहना है कि जाधव बेगुनाह हैं और उन्हें ईरान से अपहरण किया गया है। जाधव नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यापार के लिए ईरान गए थे।

मौत की सजा सुनाए जाने के बावजूद पाकिस्तान ने बीते सप्ताह कहा कि उन्हें तत्काल फांसी का कोई खतरा नहीं है, क्योंकि उनकी दया याचिका अभी लंबित है।

और पढ़ें: पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में पत्नी और मां से मिले कुलभूषण जाधव