अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने कुलभूषण जाधव मामले में भारत और पाकिस्तान को अपने-अपने दस्तावेज जमा करने के लिए कहा है। भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। इसके खिलाफ भारत ने आईसीजे की शरण ली है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने संवाददाताओं से कहा कि दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने पिछले सप्ताह आईसीजे के अध्यक्ष रॉनी अब्राहम से मुलाकात की। इस दौरान भारत को 13 सितंबर तक मामले के समर्थन में दस्तावेज या निवेदन पत्र देने के लिए कहा गया, वहीं पाकिस्तान को 13 दिसंबर तक उसका प्रत्युतर जमा कराने के लिए कहा गया।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों द्वारा दस्तावेज जमा कराने के बाद आईसीजे के अध्यक्ष मामले पर फैसला करेंगे। आईसीजे ने मामले में अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है।
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जाधव को पाकिस्तान ने जासूसी के आरोपों में 10 अप्रैल को मौत की सजा सुनाई थी। भारत के अनुरोध पर 18 मई को आईसीजे के द्वारा फांसी पर रोक लगा दी गई।
पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसके सुरक्षा बलों ने बीते साल तीन मार्च को जाधव को अशांत बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया, जबकि भारत का कहना है कि उसे ईरान में अगवा किया गया था।
Source : IANS