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कुलभूषण जाधव केस : पाकिस्तान ने ICJ में भारतीय मीडिया रिपोर्ट का लिया सहारा, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) में कुलभूषण जाधव के केस में 18 फरवरी से सुनवाई चल रही है.

Updated on: 21 Feb 2019, 11:03 AM

नई दिल्ली:

अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) में कुलभूषण जाधव के केस में 18 फरवरी से सुनवाई चल रही है. ICJ में सुनवाई के दौरान भारत उस समय दंग रह गया, जब पाक के काउंसलर खवार कुरैशी ने अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए तीन भारतीय पत्रकारों की मीडिया में छपी रिपोर्टों को हवाला दिया. इन रिपोर्टों में कुलभूषण जाधव को रॉ का एजेंट और पाकिस्तान में जासूसी करते रहे हैं का जिक्र है.

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बता दें कि पाकिस्तान के काउंसर ने ICJ में एक और भारतीय पत्रकार द्वारा लिखे गए एक लेख का हलावा दिया, जिसमें उन्होंने जाधव के संबंध में विदेश मंत्रालय के रुख पर उठाया था. रिपोर्ट के अनुसार, कुलभूषण जाधव के पास दो पासपोर्ट क्यों हैं, एक उनके नाम पर और दूसरा हुसैन मुबारक पटेल के नाम पर? अगर पाकिस्तान ने जाधव का अपहरण किया तो क्या हमें यह पूछने की जरूरत नहीं है कि पाक ने ऐसा क्यों किया? सवाल उठता है कि जाधव के पास ऐसा क्या है, जिससे उसका अपहरण किया गया. ईरान में चार हजार भारतीय हैं, लेकिन आज तक किसी का अपहरण नहीं हुआ.

आगे रिपोर्ट में लिखा गया था कि इन पत्रकारों का मत है कि जाधव के पाकिस्तानी ड्रग बैरन उजैन बलूच के साथ संबंध थे और ड्रग माफिया द्वारा बदला लेने के जाल में फंस गया था. 2010 और 2012 में जाधव ने रॉ में शामिल होने के लिए अलग-अलग प्रयास किए थे.

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पाक काउंसलर ने जनवरी 2018 में लिखित एक अन्य लेख का हवाला दिया. इंडिया सीक्रेट वार नामक एक लेख में स्वामी ने तर्क दिया था कि भारत के लिए यह स्वीकार करना संभव नहीं है कि जाधव कौन है? उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि जाधव पाक में जासूसी मिशन पर थे. जाधव अभी भी भारतीय नौसेना के साथ काम करते हैं तो भारत यह नहीं बता पाया कि वह कब रिटायर हुआ? आखिर भारत साबित नहीं कर पाया है कि जाधव को हुसैन मुबारक पटेल का पासपोर्ट कहां से मिला, पाकिस्तान के आईएसआई के पास भारत के खिलाफ पर्याप्त सामग्री है.

ICJ में पाकिस्तान के काउंसलर ने एक लेख का भी जिक्र किया. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि जाधव के पास दो पासपोर्ट हैं और यह इस बात का प्रमाण प्रस्तुत किया है कि कुलभूषण जाधव रॉ के एजेंट है. लेकिन इस आर्टिकल का विरोध होने पर मीडिया हाउस ने इस रिपोर्ट को हटा लिया था.