कर्नाटक कांग्रेस ने गुरुवार को अपर कृष्णा परियोजना के तीसरे चरण के तेजी से कार्यान्वयन की मांग को लेकर पदयात्रा की घोषणा की। इस परियोजना से उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र में 15 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई होने की उम्मीद है।
सत्तारूढ़ भाजपा का गढ़ माने जाने वाले उत्तरी कर्नाटक के सात जिलों के लोग दशकों से इस परियोजना का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
विधान परिषद में विपक्ष के नेता एस.आर. पाटिल ने कहा, दशकों से उपेक्षित परियोजना के बारे में सरकार को जगाने के लिए दो अक्टूबर को घटप्रभा नदी से कृष्णा नदी तक पदयात्रा निकाली जाएगी।
उन्होंने कहा कि पदयात्रा में सभी धर्मो के संत शामिल हो रहे हैं। इस क्षेत्र में 15 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए 130 टीएमसी पानी का उपयोग किया जाना है।
पाटिल ने कहा कि पदयात्रा उन लोगों को मुआवजे की भी मांग करेगी, जिन्होंने परियोजना के लिए जमीन देकर अपना घर खो दिया है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने पिछले तीन वर्षो में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया है। तेलंगाना के तेरह जिलों को त्वरित कार्यान्वयन से लाभ हुआ है। इसी तरह, अपर कृष्णा परियोजना उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र के सात जिलों की संभावना को बदल देगी। सरकार ने कहा है कि अपर कृष्णा प्रोजेक्ट के बचे हुए काम को पूरा करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये की जरूरत है।
उन्होंने कहा, सरकार को परियोजना के तेजी से क्रियान्वयन के लिए तेलंगाना सरकार की तर्ज पर काम करना चाहिए।
पाटिल ने मांग की, हमें मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से अधिक उम्मीदें हैं। उन्हें अपने वर्तमान कार्यकाल के दौरान उत्तर कर्नाटक के लोगों की इच्छा के अनुसार यह परियोजना पूरी करनी चाहिए।
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Source : IANS