कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने अधिकारियों को राज्य में चल रहे कथित फेक न्यूज अभियान की उत्पत्ति का पता लगाने का आदेश दिया है। उनके कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
बयान के अनुसार, राज्य में नई कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चल रहे फेक न्यूज अभियानों के बाद यह आदेश जारी किया गया है।
अधिकारियों ने झूठी खबरें फैलाने वालों की पहचान करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया है।
बयान में कहा गया है कि सिद्दारमैया ने आदेश के संबंध में राज्य के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर के साथ विस्तृत चर्चा की।
बयान में कहा गया है, 2013 में जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार सत्ता में आई थी, तब फेक न्यूज का संकट खड़ा हो गया था। इस बार भी राजनीतिक विरोधी उसी रणनीति को अपना रहे हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक आने की पृष्ठभूमि में ये प्रयास किए जा रहे हैं। वे अधिक से अधिक फर्जी खबरों के प्रसार में शामिल हैं और समाज में अशांति पैदा करने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शुरुआत में ही जड़ों को काटकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पिछली बार इन्होंने बच्चा चोरों, गाय के मांस के परिवहन जैसी झूठी खबरें प्रसारित करने की कोशिश की थी।
सिद्दारमैया ने कहा कि लोगों ने भाजपा और संघ परिवार को पूरी तरह निर्ममता से खारिज कर दिया है। ऐसे समय में जब लोकसभा चुनाव की तैयारी चल रही है, फर्जी खबरों के माध्यम से समूहों के बीच झड़प, दंगा भड़काने के संकेत मिल रहे हैं। इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।
इससे पहले, बेंगलुरु पुलिस आयुक्तालय और राज्य पुलिस मुख्यालय में एक समर्पित तकनीकी टीम थी।
उन्होंने फेक न्यूज का पता लगाया और फैक्ट चेक करके लोगों को आगाह किया।
हालांकि, भाजपा के सत्ता में आने पर इसे रोक दिया गया था। सिद्धारमैया ने पुलिस से कहा कि इसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सिद्दारमैया ने साइबर पुलिस को निर्देश दिया है कि उन्हें फर्जी खबरों का पता लगाने के लिए तैयार रहना होगा और मासिक आधार पर इसकी रिपोर्ट देनी होगी।
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Source : IANS