तेलंगाना के उद्योग एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के.टी. रामाराव ने मंगलवार को तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) पेपर लीक मामले में राज्य कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी और भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय को कानूनी नोटिस दिया है। उन्होंने नेताओं को चेतावनी दी है कि वे अपने आरोपों को वापस लें और सार्वजनिक माफी मांगे या 100 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमे का सामना करें।
केटीआर के वकील ने रेड्डी और संजय को कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें कहा गया कि उन्होंने अपने झूठे, आधारहीन और अपमानजनक बयानों के माध्यम से मंत्री पर धब्बा लगाया और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया।
नोटिस में कहा गया है कि जब तक नेता इस तरह के अपमानजनक बयान देने से बाज नहीं आते और सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक केटीआर कानूनी कार्यवाही को आगे बढ़ाएगा और सक्षम अधिकार क्षेत्र की अदालतों में मानहानि का मुकदमा दायर करेगा।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि यद्यपि आपके उपरोक्त कृत्यों के कारण मेरे मुवक्किल को हुए नुकसान की गणना नहीं की जा सकती है और पैसे के मामले में अपूरणीय है, मेरे मुवक्किल ने नुकसान की गणना 1 करोड़ रुपये की सांकेतिक राशि पर की है।
दोनों नेताओं को मंत्री के खिलाफ किसी भी रूप में अपमानजनक/मानहानिकारक बयान/आरोप लगाने से परहेज करने और इसी तरह की प्रेस वार्ता आयोजित करके बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा गया।
वकील ने आगे कहा कि नहीं तो मेरे मुवक्किल को 100 करोड़ रुपये के हजार्ने का दावा करने के अलावा मानहानि के अपराध के लिए आप पर मुकदमा चलाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और सक्षम अधिकार क्षेत्र की अदालतों में उचित कार्यवाही शुरू करके आपको सभी लागतों और परिणामों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
केटीआर ने पहले कहा था कि संवैधानिक रूप से गठित लोक सेवा आयोग की स्वायत्त प्रकृति को समझे बिना रेड्डी और संजय ने तेलंगाना सरकार और उन्हें पेपर लीक के मुद्दे में घसीट कर अपनी अज्ञानता साबित की।
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Source : IANS